स्मार्ट प्रीपेड मीटर के विरोध में किसानों के बाद अब पूर्व सीएम हरीश रावत भी उतर गए हैं। स्मार्ट प्रीपेड मीटर उत्तराखंड में ना लगाए जाने के लिए उन्होंने आज एक घंटे का मौन रखा। उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर का फैसला वापस लेने की मांग की है।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर के विरोध में उतरे हरीश रावत
उत्तराखंड में सरकार ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरूआत कर दी है। लेकिन इसी के साथ इसका विरोद तेज हो गया है। पूर्व सीएम हरीश रावत भी अब इसके विरोध में उतर गए हैं। पूर्व सीएम ने इसके विरोध में आज एक घंटे का मौन रखा। उन्होंने सरकार से ये फैसला वापस लेने की मांग की है।
बिजली वितरण एक कंपनी के नियंत्रण में देना चाहती है सरकार
पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार बिजली का वितरण भी एक कंपनी के नियंत्रण में देना चाहती है और उसके लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर एक नाम दिया गया है। हमारे जो पुराने मीटर हैं वो बदले जाएंगे इनकी जगह पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर के नाम पर लोगों को लूटा जाएगा
उनका कहना है कि मैं पूरे विश्वास से कह रहा हूं कि आज जितना लोगों को बिजली का बिल देना पड़ रहा है, पहले तो यहीं लूट हो गई। क्योंकि पहले जितना दो महीने का बिल आता था अब एक महीने में बिजली का बिल आ रहा है। ये प्रीपेड स्मार्ट मीटर के नाम पर ये बिल और ढाई गुना बढ़ेगा और लोग लूटेंगे। इसलिए इस “प्रीपेड स्मार्ट मीटर” के खिलाफ लोगों को आगे आना चाहिए और आवाज उठानी चाहिए।
प्रदेश में लगेंगे 16 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर
बता दें कि प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरूआत हो चुकी है। उत्तराखंड में करीब 16 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। इसमें से करीब 6.25 लाख मीटर कुमाऊं मंडल में और गढ़वाल क्षेत्र में लगभग 9.62 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। जबकि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद उपभोक्ता कम से कम 100 रूपए का स्मार्ट मीटर में रिचार्ज कर सकते हैं।