भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन में सत्र ना होने के विरोध में एक घण्टे के मौन व्रत के लिए जा रहे पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस के अन्य नेताओं को रोक दिया गया है। सुरक्षाकर्मियों ने हरीश रावत और उनके साथ गए कांग्रेस नेताओं को परिसर में प्रवेश से रोक दिया है। कांग्रेस नेताओं को परिसर में प्रवेश से रोके जाने पर हंगामे के हालात पैदा हो गए। हल्की धक्का मुक्की भी हुई। इसके बाद नाराज हरीश रावत और अन्य कांग्रेस नेता विधानसभा भवन के बाहर ही मौन व्रत पर बैठ गए।
गैरसैंणियत पर नमक छिड़क दिया
पूर्व सीएम हरीश रावत ने विधानसभा परिसर में जाने से रोके जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। हरीश रावत ने कहा है कि, मैं माननीय विधानसभा स्पीकर और माननीय मुख्यमंत्री के इस कदम की निंदा करता हूं। यह राज्य के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो गयी है। सरकार यह कदम गैरसैंण और गैरसैंणियत के अपमान पर नमक छिड़कने के जैसा काम है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि में इसके विरोध में देहरादून में भी उपवास पर बैठूंगा। इस दौरान वहां पर पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस गणेश गोदियाल, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा भी मौजूद थे।
वहीं हरीश रावत के साथ हुई इस घटना की देहरादून में भी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा है कि सरकार विपक्ष के नेताओं की आवाज दबाने के लिए उनके उत्पीड़न पर उतर आई है। करन माहरा ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के लिए गैरसैंण केवल राजनीतिक मुद्दा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा होने के बाद एक दिन का सत्र नही किया गया। पहली बार 26 जनवरी के मौके पर किसी ने भी गैरसैंण विधानसभा भवन में ध्वजारोहण नहीं किया।
पूर्व मुख्यमंत्री @harishrawatcmuk पहुंचे भराड़ीसैण
👉 गैरसैंण की उपेक्षा को लेकर विधानसभा परिसर के बाहर बैठे मौन उपवास पर
👉 पुलिस द्वारा रावत को मुख्य विधानसभा भवन के परिसर में जाने से रोका गया
👉 हरीश रावत ने कहा इसके विरोध में देहरादून विधानसभा के बाहर बैठूंगा उपवास पर pic.twitter.com/1Zl1U3eXxI
— Khabar Uttarakhand (@KUttarakhand) February 4, 2023