हरिद्वार से बड़ी खबर है। बता दें कि हरिद्वार के एक व्यापारी को उत्तर प्रदेश के भूमाफियाओं और बदमाशों द्वारा प्रॉपर्टी में हिस्से को लेकर जान से मारने की धमकी के प्रकरण को डीजीपी अशोक कुमार ने गंभीरता से लेते हुए ऐसे बदमाशों पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए हैं।
डीजीपी ने दिए सख्त निर्देश
आपको बता दें कि डीजीपी अशोक कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए धमकी देने वाले बदमाशों पर मुकदमा दर्ज कर तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने कहा कि इस प्रकार के बदमाशों पर कड़ी कार्यवाही में विधि अनुसार गैंगेस्टर व गुण्डा एक्ट में भी कार्यवाही के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
साध्वी प्राची यूपी के कथित दबंगों पर लगाया था जमीन कब्जाने का आरोप
आपको बता दें कि हरिद्वार के अरबपति कारोबारी के घर हथियारबंद बदमाशों ने धावा बोल कर 30 बीघा जमीन जिसकी कीमत करोड़ों रुपए है, की रजिस्ट्री करने को लेकर कारोबारी को धमकाया था। यही नहीं रजिस्ट्री ना करने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। पीड़ित कारोबारी ने पत्रकार वार्ता कर अपनी जान की रक्षा और इंसाफ की गुहार लगाई है थी। वहीं पीड़ित कारोबारी ने इस संबंध में भाजपा नेत्री साध्वी प्राची यूपी के कथित दबंगों पर जमीन कब्जाने का आरोप भी लगाया है। इस संबंध में पुलिस को शिकायत भी की गई थी।वहीं मामला डीजीपी के संज्ञान में आने के बाद बदमाशों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि यूपी उत्तराखंड से सटा हुआ राज्य है जहां से अक्सर नशा तस्करी की जाती है जिन पर पुलिस शिकंजा कसे है। लेकिन अब तो जान से मारने की धमकी भी यूपी से उत्तराखंड के व्यापारियों को मिलने लगी है। अपराधी भी अपराध को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि उत्तराखंड में जघन्य अपराधों को अंजाम देकर अपराधी यूपी दिल्ली भाग जाते हैं और अधिकतर अपराधी यूपी, सहारनपुर के ही निकलते हैं। अब तक कई आरोपी पकड़े गए हैं जो यूपी के विभिन्न इलाकों के निवासी हैं जो उत्तराखंड में घटना को अंजाम देते हैं। ऐसे में पड़ोसी राज्य से हरिद्वार के व्यापारी को धमकी मिलना गंभीर मामला है। हरिद्वार यूपी से सटा हुआ है और आए दिन यूपी के लोगों का आना जाना हरिद्वार में लगा रहता है। अगर पुलिस मामले को हल्के में लेती है तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। इसी को देखते हुए राज्य के डीजीपी ने पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि वो मामले को गंभीरता से लें और जांच करें।