देहरादून : पूर्व सीएम हरीश रावत सोशल मीडिया पर अक्सर एक्टिव रहते हैं और भाजपा सरकार पर वार करने से चूकते नहीं हैं। हरीश रावत आए दिन फेसुबक पोस्ट के लिए सत्ता धारी सरकार और अन्य पार्टियों पर पोस्ट वार करते रहते हैं लेकिन इस बार हरीश ने राहुल गांधी के नाम लंबी चौड़ी पोस्ट लिखी है।
हरीश रावत की पोस्ट
हरीश रावत ने लिखा कि राहुल जी, हम भी राहुल हैं और जीवन की अंतिम सांस तक कांग्रेस का झंडा थाम करके खड़े रहने वाले लोग हैं। सुश्री सुष्मिता देव के तृणमूल का दामन थामने से मुझे न आश्चर्य हुआ, न दु:ख हुआ। ये कुछ अंग्रेजी दां, कंप्यूटर दां, सुविधाओं के आदि हैं इनको जहां अच्छा पद मिला, ये वहां भागने वाले लोग हैं। ये हरीश रावत नहीं हैं, 2002 में पार्टी ने ना कहा तो पार्टी का झंडा थाम करके खड़ा रहा, 2007 में बहुमत बना लिया था जोड़-तोड़ से ही सही, दिल्ली से पार्टी ने बयान जारी किया कि मैंडेट भाजपा के पक्ष में है, कांग्रेस जोड़-तोड़ की राजनीति नहीं करती है, हमने अपने साथ खड़े लोगों को कहा आप स्वतंत्र हैं, हमारे साथ रहना चाहें या जहां चाहें, भाजपा की सरकार बनी। 2012 में CLP व PCC अध्यक्ष भी अपनी-2 सीटों पर संघर्ष में जुटे रहे, हरीश रावत हेलीकॉप्टर लेकर गाढ़-गधेरे, दांडे-कांडों में चुनाव प्रचार में जुटा रहा।
हरीश रावत ने लिखा कि मुख्यमंत्री चयन की बात आई तो मुझसे एक शब्द पूछा तक नहीं गया, 2014 में भी हिमालयन त्रासदी के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण का सवाल नहीं होता तो शायद मैं आज भी मुख्यमंत्री नहीं होता लेकिन मैं मुख्यमंत्री बना, कांग्रेस ने बनाया हमेशा उसका ऋणी रहूंगा और इस समय भी कोरोना से बुरी तरीके से संतप्त शरीर को लेकर के भी कांग्रेस की आवाज बुलंद कर रहा हूंँ। आप युवाओं को जोड़ने का अपना अभियान मत छोड़िये, उससे हतोत्साहित नहीं होना है। ये अमीर घरों के अमीर जादे थे, गरीब घरों के नौजवान जो संघर्ष से निकल करके आये हैं, वो पहले भी और आज भी, आगे भी कांग्रेस का झंडा थाम करके रहेंगे। एक जा रहा है तो आगे आने वाले लोगों के लिए रास्ता प्रशस्त हो रहा है, लोग और शिद्दत के साथ “कांग्रेस लाओ-राहुल लाओ” के नारे को बुलंद कर रहे हैं। आज भी ऐसे लाखों कांग्रेस कार्यकर्ता हैं जिन्होंने आपकी दादी के साथ कांग्रेस लाने का संघर्ष किया है, जिन्होंने आपके पिताजी के साथ सांप्रदायिकता और विभाजन की ताकतों से लड़कर के 21वीं सदी के भारत बनाने के संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है, आपकी माताश्री के साथ संघर्ष करके कांग्रेस को फिर से सत्ता में लाने का काम किया है।
हरीश रावत ने आगे लिखा कि जरा उन योद्धाओं का एक बार आवाहन करिए, उन बूढ़ी हड्डियों में संघर्ष से तपा हुआ तेज है, बल है, वो आज भी जब सोनिया जी कह रही हैं कि यह लोकतंत्र बचाने का संघर्ष है, यह अपनी आजादी को बचाने का संघर्ष है तो ऐसे संघर्ष में वो पीछे नहीं रहेंगे और आपके पीछे झंडा लेकर के खड़े होंगे। आपने ठीक कहा है जो जाना चाहते हैं जाएं, जो मोदी जी से डरे हुये हैं वो आज नहीं तो कल चले जाएं, लेकिन जो संघर्ष से तपे हुये लोग हैं वो झंडा थाम करके आपके साथ रहेंगे और जो संघर्ष करना चाहते हैं, वो सब नई पीढ़ी के लोग भी आपके पीछे आकर के खड़े होंगे।
“जय हिंद”