देहरादून : पूर्व सीएम हरीश रावत ने रोजगार का मुद्दा सोशल मीडिया के जरिए छेड़ा और भाजपा के दावे को फेल बताया। दरअसल भाजपा का दावा है कि उनकी सरकार ने प्रदेश के 7 लाख युवाओं को रोजगार दिया जिसके खिलाफ हरीश रावत ने आवाज बुलंद कर ली है। बंशीधर भगत ने ब्यौरा पेश किया जिसे हरीश रावत ने चैलेंज करते हुए फेल बताया। वहीं इस मुद्दे को लेकर हरीश रावत ने आवाज बुलंद करली है। हरीश रावत ने एक बार फिर से सोशल मीडिया के जरिए भाजपा सरकार पर हमला किया है।
हरीश रावत की पोस्ट
हरीश रावत ने लिखा कि यूँ जब से मैंने, राज्य बनने के बाद से अब तक #सरकारी विभागों में हुई नियुक्तियों का ब्यौरा जारी किया है, भाजपा की बोलती बंद है। अब 7 लाख-7 लाख कहने वाले चुप्पी साध गये हैं, फिर भी मेरा दायित्व है कि मैं, नौकरियों को लेकर अपने शासनकाल के सभी तथ्यों को राज्य की जनता के सम्मुख रखूं। कल मैं, पुलिस, होमगार्ड और पीआरडी विभाग में हमारे कार्यकाल में जो नियुक्तियां हुई, उसकी जानकारी अपने Facebook पर आप सबसे साझा करूँगा ताकि भाजपा के लोग 7 लाख और 801 कहना भूल जाएं।
बता दें कि बीते दिनों भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने ब्यौरा पेश कर दावा किया कि भाजपा ने 7 लाख युवाओं को रोजगार दिया जिसके बाद हरीश रावत ने उन्हें कठघरे में लाकर खड़ा किया। हरीश रावत का कहना है कि भाजपा की वर्तमान अब तक केवल 3100 पदों पर भी नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर पाई है। जबकि पूर्ववती कांग्रेस सरकार 32 हजार लोगों केा स्थायी और अस्थायी रोजगार दिया था। रावत ने चुनौती दी कि यदि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हौंसला रखें तो इन आंकड़ों को मैं विभागवार सार्वजनिक भी किया जा सकता हूं।
हरीश रावत ने बंशीधर भगत पर भी हमला किया था और कहा कि झूठे दावे करने में भगत नंबर वन हो गए हैं। कुछ समय पहले गैरसैंण में विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का जुमला सरकार की ओर से उछाला गया था। अब बंशीधर जी ने सात लाख रोजगार देने का दावा कर उस जुमले को भी पीछे छोड़ दिया। जबकि हकीकत बिलकुल अलग है। प्रदेश की पहली निर्वाचित कांग्रेस की सरकार में सीएम एनडी तिवारी के कार्यकाल में 17 हजार, उसके बाद भाजपा सरकार ने नौ हजार लोगों को स्थायी और अस्थायी नौकरियां दीं।