जानी-मानी अदाकारा बॉलिवुड अभिनेत्री शर्मिला टैगोर का आज जन्मदिन है। आज शर्मिला अपना 79वां जन्मदिन मना रही है। क्या आप जानते हैं शर्मिला की जिंदगी में मानेक शां जिनकी कहानी को हाल ही में सैम बहादुर फिल्म में दिखाया गया है, इनका महत्तवपूर्ण स्थान है। या यूं कहें कि अगर सैम मानेशॉ ने होते तो बड़ा हादसा हो जाता। शर्मिला और उनके पति नवाब व क्रिकेटर मंसूर अली खान की जान पर बन जाती। आखिर ऐसा क्या हुआ था, आइये जानते हैं।
बता दें कि शर्मिला टैगोर हिन्दु थी और उनके पति मुस्लिम थे। दोनों प्यार करते थे और एक-दूसरे से शादी करना चाहते थे। लेकिन इस बात पर काफी बवाल हुआ था और शर्मिला और उनके पति को जान से मारने की धमकियां भी मिलने लगी थीं। लेकिन बवाल के बाद भी शर्मिला ने 27 दिसंबर, 1969 में मंसूर अली खान से निकाह किया औक इस्लाम कबूल कर आयशा सुल्ताना बन गई। उनकी शादी में किसी को जान का खतरा न हो इसलिए सुरक्षा के लिहाज से वेडिंग लोकेशन भी बदली गई। लेकिन फिर भ शर्मिला और मंसूर की जान पर बन आई।
शर्मिला टैगोर और मंसूर खान की शादी में बवाल
शर्मिला टैगोर और मंसूर अली खान की शादी कोलकाता के फोर्ट विलियम में जैसे-तैसे हो गई और देर शाम तक रिसेप्शन चलता रहा। उस समय बंगाल में काफी बुरे हालात थे। हर तरफ विरोध-प्रदर्शन के बीच सांप्रदायिकता की आग भड़कने लगी थी। मन मे डर था कि कहीं इस आग की लपटें तेज न हो जाएं और नए दुल्हा- दुल्हन की जिन्दगी और उनके परिवार को अपनी चपेट में न लें।
सैम मानेकशॉ की कार बनी सुरक्षा कवच
अंदर शादी का माहौल था और बाहर इस शादी के विरोध में प्रदर्शन, बवाल और डर तेज होते गए। परिवार चिंतित था कि आखिर शर्मिला और मंसूर वहां से कैसे बाहर निकलेंगे। लेकिन फिर अचानक ऑस्टिन शीरलाइन कार नए मैरिड कपल शर्मिला और मंसूर को लेने पहुंच गई। हर किसी की नजरें उस कार पर टिकी थी। फिर लोग भी समझ गए खि ये कार किसकी है, और उस पर अब कोई भी गोलियां नहीं चला सकता। क्योंकि सभी जानते थे ये कार सैम मानेकशॉ की है, जो उस समय सेना की पूर्वी कमान के जनरल अफसर कमांडिंग-इन-चीफ थे।
सैम मानेकशॉ ने बचाई जान
बताया जाता है उस समय हालात को देखते हुए ही सैम मानेकशॉ ने शर्मिला टैगोर और पटोदी के नवाब की मदद के लिए अपनी कार भेजी थी। उन दिनों कोलकाता में शीरलाइन काफी फेमस थी और पूरे कोलकातामें आसानी से घूम सकती थी। सैम मानेकशॉ की उस कार में शर्मिला और उनके पति मंसूर खान को सुरक्षित फोर्ट विलियम से निकालकर सुरक्षित ले जाया गया। उस दिन सैम मानेकशॉ ने दोनों की जान बचा ली थी।