देश में इन्फ्लुएंजा से पहली मौत की पुष्टि हो गई है। ये मौत कर्नाटक के हासन में हुई है। ये मौत एक मार्च को ही हो गई थी। छह मार्च को उसकी टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। देश में अब तक एच3एन2 वायरस के 90 केस सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही एच1एन1 वायरस के भी आठ केस रिपोर्ट हुए हैं। इसके साथ ही हरियाणा से भी इस से एक मौत होने की खबर सामने आ रही है।
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भारत में इन्फ्लुएंजा से पहली मौत की हुई पुष्टि
देश में एच3एन2 वायरस यानी इन्फ्लुएंजा से पहली मौत की पुष्टि हो गई है। देश में हली मौत का मामला कर्नाटक से सामने आया है। कर्नाटक के हासन के रहने वाले एक 82 वर्षीय व्यक्ति की इस वायरस से मौत की पुष्टि हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक इस व्यक्ति का नाम हीरा गौड़ा है। उसकी मौत एक मार्च को हुई थी।
टेस्टिंग के बाद रिपोर्ट आने के बाद उसकी मृत्यु इन्फ्लुएंजा से होने की पुष्टि हुई है। हालांकि माडिया रिपोर्टस के मुताबिक हरियाणा से भी एच3एन2 वायरस से एक मौत होने की खबर सामने आ रही है। लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।
अब तक देश में इन्फ्लुएंजा वायरस के 90 केस आ चुके हैं सामने
देश में अब तक एच3एन2 वायरस के 90 केसों की पुष्टि हो चुकी है। इसके अलावा एच1एन1 वायरस के भी आठ केस रिपोर्ट हुए हैं। एच3एन2 वायरस को हॉन्गकॉन्ग फ्लू भी कहते हैं। इससे संक्रमित लोगों में बुखार, सर्दी, कफ, सांस लेने में समस्या देखी गई है। इसके साथ ही उन्हें बदनदर्द, गले में खराश और डायरिया की शिकायत हो सकती है। यह लक्षण एक हफ्ते तक रहते हैं।
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क्या है H3N2 इन्फ्लूएंजा के लक्षण?
H3N2 इन्फ्लूएंजा का दूसरा नाम हॉन्ग-कॉन्ग फ्लू (Hong Kong flu) है। इन्फ्लूएंजा ए वायरस (Influenza A virus) का सब-टाइप H3N2 इन्फ्लूएंजा है। इसकी चपेट में आने लोगों को सांस संबधी परेशानियों का समना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही इसका संक्रमण आसानी से लोगों में फैलता है।
इस वायरस की चपेट में आने से आपको ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं। H3N2 इन्फ्लूएंजा संक्रमण होने पर मरीज को 3 से 5 दिन बुखार आ सकता है। बुखार के अलावा करीब 3 हफ्ते तक जुकाम की समस्या हो सकती है। नाक बहना, गले में खराश, बदन दर्द, सिर दर्द, ठंड लगना, थकान, सिर दर्द, उल्टी और डायरिया की शिकायत मरीज में देखने में मिल सकती है। ट
H3N2 इन्फ्लुएंजा अत्यधिक संक्रामक है. यह एक संक्रमित शख्स से दूसरे शख्स में फैल सकता है। संक्रमित शख्स के साथ बातचीत के दौरान, जुकाम, उसके छींकने से ये वायरस दूसरे शख्स में फैल सकता है।