उत्तराखंड के चार लाख वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाया जा सकता है। परिवहन मंत्रालय ने इस संबंध में कवायद शुरु की है हालांकि अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है। 15 साल से पुराने वाहन इस टैक्स के दाएरे में आएंगे।
हाल ही में परिवहन मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी किया है। इस आंकडे के मुताबिक पूरे देश में चार करोड़ ऐसे वाहन हैं जो 15 साल से अधिक पुराने हैं। इसमें से 2 करोड़ वाहन ऐसे हैं जो 20 साल से भी अधिक की उम्र पूरी कर चुके हैं। देश में सबसे अधिक पुराने वाहन कर्नाटक में हैं। दूसरे नंबर पर सबसे अधिक पुराने वाहन यूपी में हैं। यहां 56 लाख पुराने वाहन हैं। महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा में पुराने वाहनों की संख्या 17.58 लाख से 12.29 लाख के बीच है। देश में 11 राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जिनमें 15 साल से पुराने वाहनों की संख्या साढ़े पांच लाख से कम हैं। इसमें झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, पुड्डुचेरी, असम, बिहार, गोवा, त्रिपुरा, दादरा-नागर हवेली और दमन-दीव शामिल हैं।
आंकड़ों के अनुसार राज्य में करीब चार लाख ऐसे वाहन हैं जो 15 साल से अधिक पुराने हैं। मौजूदा प्रस्ताव के अनुसार आठ साल से ज्यादा पुराने वाहनों से फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण के समय रोड टैक्स का 10 से 25 प्रतिशत ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। वहीं, प्राइवेट वाहनों से 15 साल बाद रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण के समय ग्रीन टैक्स वसूलने की योजना है।
हालांकि अभी ये शुरुआती प्रस्ताव है और इसपर अभी राज्य सरकार को फैसला लेना है लेकिन ऐसा होता है कि लोगों पर ग्रीन टैक्स का बोझ पड़ना तय है। कृषि कार्यों में उपयोग होने वाले वाहनों को इस टैक्स से छूट रहेगी। वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों, सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों को इससे छूट होगी।