दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को देख अब ग्रैप-2 लागू कर दिया गया है। इसमें लोगों पर कई प्रतिबंध लगाए गए हैं। दिल्ली में बाहरी राज्यों की बसों पर बैन लगा दिया गया है। कई स्थानों पर पार्किंग शुल्क में भी इजाफा किया गया है। दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर 1 नवंबर से दिल्ली में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब से आने वाली डीजल बसों पर रोक लगा दी है।
ग्रैप-2 लागू होने से होगा यह बदलाव
बता दें कि दिल्ली में ग्रैप-2 लागू होने से डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल पूरी तरह बंद हो जाएगा। अब दिल्ली में उन्हीं डीजल बसों को प्रवेश की इजाजत मिलेगी, जो बीएस6 कैटेगरी वाली हैं। इसके अलावा सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों को एंट्री की इजाजत होगी। लोगों को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए सीएनजी, इलेक्ट्रिक बसें और मेट्रो सर्विस में इजाफा किया जाएगा। अपार्टमेंट्स में सिक्योरिटी गार्ड को इलेक्ट्रिक हीटर दिए जाएंगे। सांस और दिल की बीमारियों वाले लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई हैं।
कब लागू होता ग्रैप-2
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक के 301 से 400 के बीच पहुंचने पर ग्रैप-2 लागू किया जाता है। इसमें कई तरह की पाबंदियां लगाई जाती हैं। दिल्ली सरकार द्वारा टीमें गठित कर वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में कदम उठाएं जाते हैं। दिल्ली में जारी कंस्ट्रक्शन कार्यों का जायजा लेने का काम तेज कर दिया जाता है। प्रदूषण नियंत्रण टीम द्वारा चिन्हित सड़कों की दैनिक आधार पर मैकेनिकल और वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव कराया जाता है।