स्थानीय लोगों को साहसिक गतिविधियों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने रिवर राफ्टिंग और क्याकिंग गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए गंगा को छोड़कर सभी नदियों पर रिवर राफ्टिंग शुल्क तीन साल के लिए माफ कर दिया है।
आपको बता दें नदियों पर रिवर राफ्टिंग के लिए पर्यटन विभाग की तरफ से संचालकों से शुल्क लिया जाता है। प्रदेश में वर्तमान में 500 से अधिक रिवर राफ्टिंग गाइड पंजीकृत है। ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग के लिए देश दुनिया से आया पर्यटकों का सैलाब उमड़ा रहता है।
गंगा को छोड़ सभी नदियों पर माफ किया शुल्क
प्रदेश सरकार ने राज्य की अन्य नदियों से रिवर राफ्टिंग को बढ़ावा देने के लिए और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए तीन साल तक शुल्क माफ कर दिया है। इसमें टनकपुर, रामनगर क्षेत्र में काली, बागेश्वर, रामगंगा, सरयू, कोसी, टौंस, यमुना और अलकनंदा नदियों में जल क्रीड़ा गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश में रिवर राफ्टिंग की संभावनाएं देख दी छूट
जानकारी के मुताबिक पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने बताया कि प्रदेश में साहसिक पर्यटन के तहत रिवर राफ्टिंग की काफी संभावनाएं है। जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने गंगा को छोड़कर अन्य सभी नदियों पर रिफर राफ्टिंग शुल्क तीन साल के लिए माफ किया है।