देहरादून : आज गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत सरकार ने 128 पद्म पुरस्कारों से हस्तियों को सम्मानित किया। पद्म पुरस्कार पाने वालों में शहीद जनरल सीडीएस बिपिन रावत समेत चार महान विभूतियां उत्तराखंड की भी शामिल है। उत्तराखंड पौड़ी गढ़वाल निवासी निवासी शहीद सीडीएम जनरल बिपिन रावत को सिविल सेवा में मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। तो वहीं देहरादून निवासी माधुरी बर्थवाल को कला, पिथौरागढ़ निवासी बसंती देवी को सामाजिक कार्य, हरिद्वार निवासी बंदना कटारिया को खेल (हॉकी) के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
आपको बता दें कि मूल रूप से पौड़ी जिले के यमकेश्वर के चाय दमराड़ा निवासी डा. माधुरी बड़थ्वाल वर्तमान में देहरादून के बालावाला में रहती हैं। पिता चंद्रमणि उनियाल स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा लैंसडौन में ही हुई। उनको बचपन से ही संगीत से लगाव था। 1969 में राजकीय इंटर कालेज लैंसडौन से हाईस्कूल करने के बाद इसी स्कूल में संगीत की शिक्षिका के रूप में सेवा दी। इसके बाद इलाहाबाद संगीत समिति से संगीत की ट्रेनिंग ली। उन्होंने आगे की पढ़ाई प्राइवेट से जारी रखी।
वहीं आगरा यूनिवर्सिटी से संगीत में डिग्री, रुहेलखंडी यूनिवर्सिटी से हिंदी से एमए करने के बाद वर्ष 2007 में उन्होंने केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से पीएचडी की उपाधि हासिल की। साल 2019 में अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा।
डा. माधुरी बड़थ्वाल ने को बचपन से गाने का शोक था लेकिन उस समय लोग गाना गाना सही नहीं मानते थे। लेकिन उन्होंने ठान लिया था कि महिलाओं को संगीत में आगे बढ़ाने के लिए कुछ करेंगी। पढ़ाई जारी रखने के साथ ही खाली वक्त में आकाशवाणी नजीबाबाद के लिए भी संगीत का काम किया। यहां से प्रसारित होने वाले ‘धरोहर’ के माध्यम से उन्होंने लोकगाथा, गीत, संगीत का प्रचार किया। रूढ़ीवादी परंपराओं को तोड़ने के लिए उन्होंने ‘मनु लोक सांस्कृतिक धरोहर संवर्धन संस्थान’ मांगल टीम बनाई। वर्तमान में वह देहरादून स्थित आवास पर भी बालिकाओं व महिलाओं को वादन, गायन का प्रशिक्षण दे रही हैं।