चमोली हादसे के बाद लापता लोगों को सरकार द्वारा मृत घोषित कर दिया गया है। वहीं बता दें कि अब शासन की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गई है। वहीं इस गाइडलाइन को लागू करने के लिए परगना अधिकारी, उप जिला मजिस्ट्रेट को मृत्यु पंजीकरण अधिकारी नामित किया गया है। मृत्यु का पंजीकरण अधिनियम के अधीन मौत होने से संबधित जगह पर किया जाएगा।
ये है गाइ़डलाइन
आपको बता दें कि बुधवार को चमोली जीएम स्वाति एस भदौरिया ने जानकारी दी कि गाइडलाइन के अनुसार लापता व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र 3 श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुए कार्रवाई की जाएगी। पहली श्रेणी में आपदा प्रभावित और निकटवर्ती स्थानों के स्थायी निवासी, दूसरी श्रेणी में उत्तराखंड के अन्य जिलों के निवासी और तीसरी श्रेणी में अन्य राज्यों के पर्यटक, व्यक्ति जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों पर उपस्थित थे उन्हें रखा गया है। प्रथम श्रेणी में लापता व्यक्तियों की सूची समाचार पत्र, सरकारी गजट और सरकारी वेबसाइट पर प्रकाशित कर 30 दिनों के अंदर दावें और आपत्तियां हासिल की जाएंगी। अगर निर्धारित तिथि तक कोई दावे और आपत्तियां नहीं मिलती तो मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। दूसरी और तीसरी श्रेणी में लापता व्यक्ति के निकट संबधी या उत्तराधिकारी द्वारा नोटरी शपथ-पत्र के साथ निवास के मूल जनपद या राज्य में लापता होने और मृत्यु के संबध में प्रथम सूचना रिपोर्ट सहित लापता व्यक्ति की जानकारी दी जाएगी।
वहीं अगर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहले से ही एफआइआर पंजीकृत की गई हो तो रिपोर्ट को स्थानीय जांच के लिए लापता व्यक्ति के मूल जिले में भेजा जाएगा। मूल जिले और राज्य की लापता व्यक्तियों की सूची पर 30 दिनों के अंदर दावें और आपत्तियों प्राप्त की जाएंगी। यदि निर्धारित तिथि तक कोई दावे व आपत्तियां नही मिलती तो मूल जनपद या राज्य के जांच अधिकारी से प्राप्त आख्या के आधार पर प्रभावित क्षेत्र से संबंधित अधिकारी द्वारा लापता व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र दिया जाएगा।