देहरादून : भाजपा कांग्रेस समेत आप और कई अन्य पार्टियों 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। सत्ता हासिल करने के लिए पार्टियां लगातार रणनीति तैयार कर चुनाव की तैयारी में जूटी हैं। तो वहीं इस बीच पुरोला से कांग्रेस विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं जिससे कांग्रेस को झटका लगा है।लेकिन झटका तो बीते दिनों आप के सीएम चेहरा कर्नल कोठियाल ने कांग्रेस-बीजेपी और सभी पार्टियों को दिया था। कर्नल कोठियाल ने उत्तराखंड में नौकरी देने के नाम पर की गई भ्रष्टाचार को उजागर किया था।
दरअसल हुआ ये था कि बीते दिनों आप नेता कर्नल कोठियाल को एक एजेंसी ने 8500 की गार्ड की नौकरी दी थी जिसके एवज में 25 हजार रुपये घूस लेने का आरोप कर्नल कोठियाल ने लगाया था। इसका उजागर कर्नल कोठियाल ने सचिवालय आकर किया। इसकी शिकायत कोठियाल ने संबंधित विभाग से की थी। जिसके बाद महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में मानव संसाधन की आपूर्ति करने वाली आउटसोर्स एजेंसी ए स्क्वायर को विभाग ने नोटिस भेजा है।
इस मामले पर कर्नल कोठियाल ने खुलासा करते हुए कहा था कि महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में सुरक्षा गार्ड पद के लिए बीती 6 अगस्त को ए स्क्वायर नामक आउटसोर्स एजेंसी के पास आवेदन जमा करवाने गए थे जिसमे शैक्षिक योग्यता के प्रमाण के तौर पर 12वीं की मार्कशीट और शस्त्र लाइसेंस की प्रति लगाई थी। आवेदन पत्र पर उनकी सेना की वर्दी वाली फोटो भी चस्पा की गई थी। एजेंसी ने उसी दिन कर्नल कोठियाल से 25 हजार रुपये श्रीमती निर्मला सिंह सेवा समिति के खाते में जमा करवाए। कोठियाल ने बाताय कि ये पैसे गूगल पे के माध्यम से लिए गए थे लेकिन कोई रसीद नहीं दी गई।
कर्नल कोठियाल ने आरोप लगाते हुए शिकायत की कि इसके कुछ देर बाद एजेंसी ने उन्हें महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग में सुरक्षा गार्ड पद पर नियुक्ति का पत्र भी जारी किया। 7 सितंबर को मामला तब सामने आया, जब कर्नल कोठियाल इस नियुक्ति पत्र को लेकर सचिवालय में अपर सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास के पास पहुंचे। इसके बाद विभागीय सचिव एचसी सेमवाल ने प्रकरण की तत्काल जांच के आदेश निदेशालय को दिए।
उप निदेशक एसके सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। उनसे 10 दिन के भीतर आख्या देने का कहा गया है।सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास एचसी सेमवाल ने बताया कि इस मामले में जांच अधिकारी ने आउटसोर्स एजेंसी ए स्क्वायर को नोटिस भेजकर वस्तुस्थिति की जानकारी मांगी है। साथ ही नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की जांच पड़ताल की व्यवस्था, राशि क्यों और किस मद में ली गई समेत अन्य कई बिंदुओं पर भी ब्योरा मांगा गया है।