मेहनत सच्ची हो तो मंजिल मिल ही जाती है। ऐसा ही कुछ अक्षय सतनालीवाला नाम के उद्धमी के साथ हुआ। दरअसल, अक्षय काफी समय से अपने बिजनेस आइडिया को एग्जीक्यूट करना चाहते थे, लेकिन कई परेशानियों के कारण संभव नहीं हो पा रहा था। यह काम उनके लिए तब आसान हुआ जब उनकी मुलाकात अचानक से कोलकाता की एक फ्लाइट में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से हुई।
टिशू पेपर पर लिखा आइडिया
दोनों पिछली 2 फरवरी को एक ही फ्लाइट से दिल्ली से कोलकाता जा रहे थे। फ्लाइट में केंद्रीय मंत्री को देखने के बाद वह खुद को उनसे अपने बिजनेस आइडिया के बारे में बात करने से नहीं रोक सके, जो लंबे समय से उनके दिमाग में थी। लेकिन फ्लाइट में प्रोटोकॉल और कड़ी सुरक्षा के कारण वह रेल मंत्री तक नहीं पहुंच पा रहे थे। कई जुगत लगाने के बाद आखिरकार उन्होनें अपना प्रस्ताव टिशू पेपर पर लिखा और कई कोशिशों के बाद उद्धमी उस टिशू पेपर को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को सौंपने में कामयाब रहे।
6 मिनट के अंदर आया ऑफर
वहीं जब फ्लाइट का सफर पूरा हुआ और उद्धमी कोलकाता में उतरे तो छह मिनट के अंदर ही सतनालीवाला को पूर्वी रेलवे मुख्यालय के महाप्रबंधक कार्यालय से एक फोन आया। पूर्वी रेलवे के GM मिलिंद के देउस्कर ने संगठन से माल ढुलाई की संभावना पर चर्चा के लिए सतनालीवाला के साथ एक बैठक तय की। सतनालीवाला के साथ एक बैठक तय की। सतनालीवाला एक वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के निदेशक हैं। रिपोर्ट में मिली जानकारी के मुताबिक सूत्रों से ये पता चला कि उद्धमी ने देश के कई हिस्सों जैसे छत्तीसगढ़ के रायपुर और ओडिशा के राजगंगापुर और अन्य समूहों में विभिन्न उघोगों को इनपुट और ठोस कचरे को योजनाबद्ध तरीके से प्रवाह के बारे में बताया।
रेलवे ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के अनुसार, वेस्टर्न रेलवे के जनरल मैनेजर ने उद्धमी के बिजनेस आइडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए परिवहन के सस्ते साधन के तौर पर रेलवे मार्ग के माध्यम से ठोस अन्य वेस्ट मैटेरियल ले जाने के लिए लचीली शर्तों की पेशकश की है। रेलवे मार्ग के माध्यम से ठोस और प्लास्टिक कचरे के इतनी बड़ी मात्रा में परिवहन से कचरे को डम्प करने में मदद मिलेगी, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी।


