खबर उत्तराखंड के गदरपुर से है, जहां पर इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया से जुड़े हुए पत्रकारों ने काले फीते बांधकर काम करने का निर्णय लिया है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार अमित तनेजा ने कहा कि पत्रकारों पर आए दिन हमले हो रहे हैं। प्रदेश भर से कई मामले पत्रकारों पर हमले के सामने आ चुके हैं लेकिन पुलिस दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती है। उन्होंने बताया कि रुद्रपुर के एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ पुलिस ने मारपीट की है जिसके विरोध में हम लोग काले फीते बांधकर काम करने का निर्णय लिया है और हम अपने विरोध प्रदर्शन को इसी तरह करते रहेंगे और हम लोग चाहते हैं कि कड़ी कार्रवाई दोषियों के खिलाफ की जाए वही गौरव बत्रा ने बताया कि जिस तरह से पुलिस ने पत्रकारों के साथ मारपीट की है वह निंदनीय है और घटना की निंदा करते हैं क्या नूर अली ने कहा कि पत्रकार चौथा स्तंभ माने जाते हैं लोकतंत्र को जिस तरह से घटना हुई है वह निंदनीय और हम लोग इस घटना का विरोध करते हैं