उत्तराखंड में अब हर साल एक अप्रैल से मालभाड़ा और यात्रा किराए में बढ़ोत्तरी करने का फैसला लिया गया है। राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में इसे सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। शुक्रवार को परिवहन मुख्यालय में सचिव और आयुक्त अरविंद सिंह ह्यांकी ने एसटीए की बैठक में यह निर्णय लिया है।
प्रदेश में व्यावसायिक वाहनों के यात्री किराए और मालभाड़े में हर साल बढ़ोतरी का प्रस्ताव बैठक में लाया गया। बता दें कि राज्य में मालभाड़े और किराये में बढ़ोतरी कई साल में होती है, लेकिन जब भी होती है अधिक होती है, इसलिए अब फैसला लिया गया है कि हर साल एक अप्रैल को यात्री किराये व मालभाड़े में एक निर्धारित वृद्धि की जाएगी।
एटीए ने उप परिवहन आयुक्त राजीव मेहरा की अध्यक्षता में समिति गठित कर इस बढ़ोत्तरी का फार्मूला निर्धारित करने का फैसला लिया गया है। समिति एक महीने में अंदर अपनी रिपोर्ट देगी जो कि अगली एसटीए की बैठक में रखी जाएगी। इस बढ़ोत्तरी के तहत व्यावसायिक वाहनों ट्रक, मिनी ट्रक, लोडर, का मालभाड़ा और रोडवेज, निजी बस, सिटी बस, टैक्सी, मैक्सी, ऑटो, विक्रम, ई-रिक्शा का किराया भी एक निर्धारित दर के हिसाब से बढ़ाया जाएगा।
पर्यटकों को खुद चलाने के लिए मिलेगी कैब
केंद्र सरकार की रेंट ए कैब (स्कीम) 1989 को एसटीए ने प्रदेश में अपनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत रेंटल बाइक की तरह अब प्रदेश में कैब भी किराये पर मिल सकेगी। मसलन, जो पर्यटक उत्तराखंड आएंगे तो उन्हें टैक्सी के बजाए खुद चलाने के लिए कैब मिल सकेगी। इस कारोबार में जुड़ने के लिए कम से कम 50 कैब का बेड़ा होना जरूरी है। कैब किराये पर लेने वालों के लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य जरूरी प्रमाण पत्र जरूरी होंगे।
मुख्यालय से सभी वाहनों पर रखी जाएगी नजर
परिवहन विभाग ने सभी सार्वजनिक यात्री वाहनों सहित मालवाहक वाहनों में भी व्हीकल लोकेशन ट्रेसिंग डिवाइस (वीएलटी) जरुरी कर दिया है। मुख्यालय से सभी वाहनों पर नजर रखी जाएगी। अब वीएलटी की नियमावली को परमिट शर्तों में सम्मलित किया जाएगा जिससे नियम तोड़ने वालों पर मुख्यालय से ही वीएलटी रिपोर्ट के आधार पर चालान की कार्रवाई को किया जा सकेंगा।