शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार की रात 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद पिछले हफ्ते ही मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में उन्हें भर्ती किया गया था। तकलीफ बढ़ने पर शुक्रवार को उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया था। अस्पताल के मुताबिक उन्होंने रात करीब आठ बजे अंतिम सांस ली।
चंडीगढ़ कार्यालय में होंगे आखिरी दर्शन
प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर चंडीगढ़ के सेक्टर -28 के शिअद कार्यालय में बुधवार सुबह 10:00 से 12:00 बजे दोपहर तक दर्शन के लिए रखा गया है । इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा। जहां 27 अप्रैल को दोपहर 1:00 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा।
आजादी के साल राजनीति में रखा था कदम
प्रकाश सिंह बादल ने 1947 में राजनीति में पदार्पण किया था। 1957 में पहला विधानसभा चुनाव जीता था। 1969 में प्रकाश सिंह बादल दोबारा विधायक बने थे। वहीं प्रकाश सिंह बादल 1970–71, 1977–80, 1997–2002 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। वहीं 1972, 1980 और 2002 में नेता विपक्ष भी रहे थे। प्रकाश सिंह बादल सांसद और केंद्र में मंत्री भी रह चुके थे। एक मार्च 2007 से 2017 तक उन्होंने दो बार मुख्यमंत्री का दायित्व संभाला।
पंजाब के सबसे युवा सीएम रहे
वे पंजाब के सबसे युवा और उम्रदराज मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने पहली बार 1970 में 43 साल की उम्र में मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। तब वह पंजाब के सबसे कम उम्र के सीएम बने थे। साल 2012 में 84 वर्ष की आयु में बादल ने सबसे उम्रदराज सीएम के तौर पर शपथ ली। भारत सरकार ने उन्हें 2015 में देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। उन्हें पंजाब में हिंदुओं और सिखों के बीच भाईचारा बनाए रखने के प्रयासों के लिए हमेशा याद किया जाएगा।