बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अक्सर कुछ ना कुछ अलग करने को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। बीते महीनों वो टीवी न्यूज चैनलों पर खूब छाए रहे। खबर आई की वो चुनाव लडेंगे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली जिससे वो कफा हो गए औऱ अब वो धर्म-अध्यात्म के दुनिया में प्रवेश कर गए हैं। जी हां जानकारी मिली है कि वह कथावाचन का काम कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर पूर्व डीजीपी का कथावाचन करते वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में एक पोस्टर में कथावाचक के तौर पर उनकी तस्वीर लगी है और लोगों को जूम ऐप के जरिए कथा वाचन के लिए जुड़ने का आमंत्रण दिया जा रहा है।
कई साल पुलिस बल में काम करने के बाद औऱ कानून व्यवस्था सुधारने के बाद अब वो सनातन धर्म के संत के रूप में वो पीला वस्त्र धारण कर कथावाचल बन गए हैं। रामायण और गीता के श्लोक और चौपाइयों को सुनाकर वो लोगों को जीवन का महत्व बता रहे हैं। ईश्वर का महत्व और पाप और पुण्य की बातें लोगों को बता रहे हैं। लोगो को कथा सुनाते हुए वो कहते हैं कि बम-बारूद, पिस्तौल रखना अपराध नहीं है, हत्या की तैयारी और हथियार जुटाना केवल हत्या का मामला नहीं होता। हत्या करने के बाद ही उसका मुकदमा दर्ज होता है।
सोशल मीडिया पर उनके कथा वाचन का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमे वो लोगों को कानून की धाराएं समझा रहे हैं वो भी डीटेल में। कथा के दौरान वो कहते हैं आज के समय की कानून व्यवस्था ब्रिटिश शासन की देन है। हत्या के बाद उसका उद्देश्य देखा जाता है। अगर किसी के ऊपर पत्थर फेंका जाए और उससे अगले की मौत हो जाती है तो उसका मकसद देखा जाता है, अगर उसके पीछे का मकसद ऐसा नहीं मिला तो वो हत्या नहीं है।