देहरादून उत्तराखंड में कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। बीते दिन मंगलवार को उत्तराखंड में 7000 से ज्यादा मामले सामने आए। वहीं 85 लोगों की मौत हुई जिससे एक बार फिर शासन से लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। वहीं जानकारी मिली है कि पीएम मोदी ने सीएम तीरथ सिंह रावत से फोन पर बात की है।
इस बीच कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए त्रिवेंद्र रावत का बड़ा बयान सामने आया है.पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना कर्फ्यू को सख्त करने की जरूरत है। कहा कि अमूमन यह देखने में आ रहा है कि सब्जी मंडी में भी भीड़ उमड़ रही है। लोग मास्क को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से कोरोना की चेन टूटेगी, मगर सरकारों को सभी तरह की व्यवस्था देखनी होती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि जो लोग गांव लौट रहे हैं, उनके लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि वे ग्राम स्तर बने क्वारंटाइन सेंटर में कम से कम पांच दिन अवश्य रहें। इसके साथ ही ग्राम प्रधानों को अधिकार देने की जरूरत है। यदि कोई कोविड की गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। यदि किसी व्यक्ति ने आरटी पीसीआर कराया है, तो वह रिपोर्ट आने तक घर पर ही आइसोलेशन में रहे। उसकी निगरानी की व्यवस्था होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि जनता पूर्व में कोरोना को लेकर निर्भय सी हो गई थी। यही कारण है कि ऐहतियात न बरतने की वजह से कोरोना का प्रसार अधिक हुआ है। ऐसे में आमजन को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है, मगर अब कोरोना के मामले भी 10 गुना अधिक बढ़ने से व्यवस्था चरमराई है। उन्होंने कहा कि सरकार की अपनी सीमाएं होती हैं। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को भी अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी।