प्रदेश में लगातार जंगल धधक रहे हैं। कुमाऊं से लेकर गढ़वाल कर आए दिन आग की खबरें सामने आ रहीं हैं। बीते दस सालों में जंगलों की आग की घटनाओं का आंकड़ा और उन में हुई मौत के आंकड़ों को जान आप हैरान हो जाएंगे। बीते दस सालों में 14 हजार से अधिक जंगल में आग की घटनाएं सामने आईं हैं।
दस सालों में 14 हजार से ज्यादा स्थानों पर लगी आग
उत्तराखंड में जंगलों की आग के आंकड़ों की बात करें तो बीते दस सीलों में 14 हजार से भी ज्यादा स्थानों पर जंगलों में आग लगी है। बीते दस सालों में हुई आग की घटनाओं में प्रदेशभर में 23 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में वन संपदा प्रभावित हुई है। सबसे ज्यादा आग की घटनाएं साल 2021 में सामने आई थी।
वनाग्नि की घटनाओं में 17 लोगों को गंवानी पड़ी जान
आपको बता दें कि बीते दस सालों में वनाग्नि की घटनाओं में 17 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। जबकि 74 लोग घायल हो गए थे। उत्तराखंड में साल 2014 से साल 2023 के बीच वनाग्नि की सबसे ज्यादा घटनाएं साल 2021 में हुई थी। साल 2021 में प्रदेशभर में जंगल में आग की 2183 घटनाएं सामने आईं थी। जिसमें 3,943 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा प्रभावित हुई थी।
साल 2018 में सबसे ज्यादा वन संपदा प्रभावित
बीते दस सालों में लगी आग में हर साल कोरोड़ों की वन संपदा जलकर खाक हो जाती है। साल 2018 में सबसे ज्यादा वन संपदा प्रभावित हुई है। साल 2018 में आग लगने की 2150 घटनाएं सामने आईं थी जिसमें 4480 हेक्टेयर क्षेत्रफल जलकर खाक हो गया था। बात करें अगर सबसे कम वनाग्नि की घटनाओं वाले साल की तो साल 2020 में सबसे कम घटनाएं सामने आईं थी। 2020 में 135 घटनाओं में 172 हेक्टेयर क्षेत्रफल को नुकसान पहुंचा था।
दस सालों के आग की घटनाओं के आंकड़े
- साल आग की घटनाएं प्रभावित क्षेत्रफल मृत्यु और घायलों की संख्या
- 2014 515 930 17
- 2015 412 701 00
- 2016 2,074 4,433 631
- 2017 805 1,244 01
- 2018 2,150 4,480 06
- 2019 2,158 2,981 115
- 2020 135 172 21
- 2021 2,813 3,943 23
- 2022 2,186 3,425 27
- 2023 773 933 33