नई दिल्ली : देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों ने बड़ा दावा किया है और सरकार समेत जनता को चेतावनी दी है। भारतीय चिकित्सा एवं अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट में कहा गया है कि त्योहारी सीजन और छुट्टियों के दौरान देश में कोरोना की तीसरी लहर अपने तय समय से दो सप्ताह से पहले से आ सकती है। यही नहीं त्योहारी समय महामारी के प्रभाव को 47 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। डॉ. बलराम भार्गव, डॉ. समीर पांडा सहित आईसीएमआर के शीर्ष वैज्ञानिकों के गणितीय मॉडल को आधार बनाकर किए गए अध्ययन में यह बात कही गई है।
महामारी की चरम स्थिति को 103 प्रतिशत तक ले जा सकता है-दावा
आपको बता दें कि आने वाले त्योहारी सीजन और छुट्टियों को देखते हुए इस अध्ययन में दो संभावित स्थितियों की ओर इशारा किया गया है। भारत के जनसंख्या घनत्व को ध्यान में रखते हुए कहा गया है कि यहां अमेरिका की तुलना में संक्रमण का प्रभाव ज्यादा है, दूसरा देश में छुट्टियों का समय महामारी की चरम स्थिति को 103 प्रतिशत तक ले जा सकता है। यह समय महामारी की चरम स्थिति को चार सप्ताह तक कायम रख सकता है।
अध्ययन में किया गया ये दावा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अध्ययन में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश, असम जैसे पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ने से कोरोना के केसों में बढ़ोतरी हो सकती है। इसके अलावा छोटे राज्य जहां का जनसंख्या घनत्व कम है, वहां पर महामारी फैलने की तीव्रता राष्ट्रीय स्तर की तुलना में कम रही है। यही नहीं इन राज्यों में दूसरी लहर का प्रभाव भी कम देखा गया। अध्ययन के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के मनाली, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और पूर्वोत्तर के असम में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है।
उत्तराखंड में भी बढ़ी पर्यटकों और श्रद्धालुओं की भीड़
वहीं आपको बता दें कि उत्तराखंड राज्य में भी लगातार बाहरी राज्यों से लोग पर्यटक स्थलों पर पहुंच रहे हैं और वादियों का लुत्फ उठा रहे हैं। इसी के साथ चारधाम यात्रा की भी शुरुआत हो चुकी है और चारधाम के दर्शन करने भी यात्री भारी संख्या में पहुंच रहे हैं जिसको देखते हुए उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा बना हुआ है।