दरअसल यूकेएसएसएससी की परीक्षाओं में धांधली की सामने आने के बाद आयोग की कई परीक्षाएं शक के दाएरे में आ गईं। इसके बाद कई परीक्षाओं को रद्द करने की मांग उठी। सरकार ने भी पारदर्शिता का दामन थामना उचित समझा और परीक्षाओं को रद्द करने की हामी भर दी। ऐसी कुल आठ परीक्षाएं थीं जो शक के दाएरे में आ रहीं थीं। कैबिनेट में चार परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला भी हो गया। हालांकि आयोग इस परीक्षाओं को लेकर कोई फैसला नहीं ले पाया। लिहाजा अब भर्ती परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला अब विशेषज्ञ कमेटी को दिया गया है।
बताया जा रहा है कि भर्तियों को रद्द किया जाए या नहीं इसे लेकर आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने एक बैठक की। चूंकि इन भर्तियों में बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया है इसलिए आयोग हर पहलु पर ध्यान देने के बाद ही कोई फैसला लेना चाहता है। इसी के मद्देनजर अब पूर्व आईएएस एसएस रावत की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया गया है। ये कमेटी इन परीक्षाओं को रद्द करने के हर पहलु पर मंथन कर अपनी रिपोर्ट आयोग को देगी और इसके बाद आयोग फैसला लेगा। इस समिति में हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार जनरल वीके माहेश्वरी और आईटीडीए के टास्क फोर्स के मैनेजर संजय माथुर को सदस्य बनाया गया है।
इन भर्तियों पर होगा मंथन
आयोग ने जो विशेषज्ञ कमेटी बनाई है वो जिन आठ परीक्षाओं पर मंथन करेगी वो इस प्रकार हैं – एलटी भर्ती (1431 पद), उत्तराखंड वैयक्तिक सहायक (600 पद), कनिष्ठ सहायक (700 पद), पुलिस रैंकर्स भर्ती (250 पद), वाहन चालक भर्ती (164 पद), कर्मशाला अनुदेशक (157 पद), मत्स्य निरीक्षक भर्ती (26 पद) और मुख्य आरक्षी पुलिस दूरसंचार भर्ती (272 पद)