देहरादून। जहां एक ओर केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी दे रहा है वहीं उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर को थामने के सभी प्रयास फिलहाल नाकाफी साबित हो रहें हैं। सरकारी प्रयासों को देख कर ऐसा लग रहा है कि वो सिर्फ मरीजों को जरूरी उपचार दिला पाने की कोशिश कर रहें हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने या चेन तोड़ने को लेकर उसके प्रयास असमंजस भरे हैं।
फिलहाल उत्तराखंड में कोरोना से जुड़े आकंड़े जो गवाही दे रहें हैं वो डराने वाले हैं और सरकारी कोशिशों को नाकाफी साबित करने वाले हैं।
उत्तराखंड में पिछले सिर्फ आठ दिनों के आंकडे देखें तो ये हैरान करने वाले हैं। हमने अपने इस लेख में 27 अप्रैल से चार मई तक के आंकड़े लिए हैं।
तारीख | नए मरीज | एक्टिव केस | मौतें |
27-Apr | 5703 | 43032 | 96 |
28-Apr | 6054 | 45383 | 108 |
29-Apr | 6251 | 48318 | 85 |
30-Apr | 5654 | 49492 | 122 |
1-May | 5493 | 51127 | 107 |
2-May | 5606 | 53612 | 71 |
3-May | 5403 | 55436 | 128 |
4-May | 7028 | 56627 | 85 |
इन आंकड़ों के मुताबिक राज्य में आठ दिनों में ही 47192 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इनमें से सबसे अधिक मरीज देहरादून में मिले। यहां इन आठ दिनों में 18330 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। ये तब है जब देहरादून में कोविड कर्फ्यू लागू है। आंकड़ों के मुताबित पिछले आठ दिनों में रोजाना औसतन 2200 से अधिक नए मरीज देहरादून में मिल रहें हैं। जाहिर है देहरादून में कोविड कर्फ्यू के बावजूद कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में कामयाबी नहीं मिल पा रही है।
हरिद्वार और नैनीताल में भी कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले आठ दिनों नैनीताल में कोरोना के 5708 मरीज मिले तो हरिद्वार में 6760 नए मरीज मिले।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर इसलिए भी सवाल उठ रहें हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों में राज्य के पर्वतीय इलाकों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। इससे स्पष्ट है कि राज्य के पर्वतीय जिलों तक कोरोना बेहद गहरे तक अपनी पहुंच बना चुका है।
उत्तरकाशी में पिछले आठ दिनों में कोरोना के 1229 नए मरीज मिले हैं। औसत निकालें तो रोजाना 150 से अधिक मरीजों की पुष्टि इस जिले में हो रही है।
टिहरी में 27 अप्रैल से 4 मई के बीच कोरोना के 1632 मरीज मिल चुके हैं। इस हिसाब से देखें तो रोजाना औसतन 200 से अधिक नए मरीजों की पुष्टि हो रही है।
रुद्रप्रयाग में पिछले आठ दिनों में कोरोना के 788 नए मरीज मिल चुके हैं। यानी रोजाना औसतन 98 से अधिक मरीज।
दूरस्थ जिले पिथौरागढ़ की हालत और खराब दिख रही है। यहां 27 अप्रैल से 4 मई तक कुल 858 नए मरीज मिले। यानी रोजाना औसतन 107 से अधिक मरीज मिल रहें हैं।
चंपावत में कोरोना संक्रमण की हालत और अधिक खराब है। चंपावत में पिछले आठ दिनों में 1152 नए मरीजों की पुष्टि हुई। यानी रोजाना औसतन 144 नए मरीज मिल रहें हैं।
पर्वतीय जिलों के ये हालात बताते हैं कि कोरोना संक्रमण अब पहाड़ चढ़ चुका है। उपर गिनाए गए जिलों के आंकड़ों को देखे तो महज पांच जिलों में आठ दिनों के भीतर 5600 से अधिक नए मामले मिले हैं। यानी रोजाना सात सौ से अधिक नए मरीज।
यही नहीं, राज्य में कोरोना संक्रमण की दर तो बढ़ ही रही है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। पिछले आठ दिनों के ही आंकड़े देखें तो राज्य में 802 मौतें 27 अप्रैल से 4 मई तक रिपोर्ट की गईं हैं। यानी रोजाना औसतन 100 मौतें हो रहीं हैं।
उत्तराखंड के लिहाज से ये मौतें इसलिए भी चिंता का विषय हैं क्योंकि इससे अधिक आबादी वाले राज्यों में तुलनात्म रूप से मौतें कम हो रहीं हैं। फिर राज्यों में आबादी के हिसाब से कोरोना के नए मामले मिलने की रफ्तार तुलनात्मक रूप के उत्तराखंड में खासी अधिक है।