देहरादून : हरक के दिल्ली में डेरा डालने के बाद और सुगबुगाहट के बाद बीती रात भाजपा ने हरक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दियावो भी 6 साल के लिए. सीएम धामी का इस पर बयान सामने आया है कि हरक सिंह रावत पार्टी पर दबाव बना रहे थे जिसके चलते ये फैसला लिया गया। सीएम धामी ने कहा कि अब एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिया जाएगा। हमारी पार्टी में वो आए उन्होंने विकास के मामले में जो कहा, हमने किया लेकिन हमारी पार्टी वंशवाद से दूर और विकास के साथ चलने वाली पार्टी है। कई बार उनकी कुछ बातों से हम असहज हुए।
हरक सिंह रावत का रोते हुए का वी़डियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमे वो कह रहे हैं कि पार्टी ने उन्हें अपमानित किया। उन पर झूठे आरोप लगाए। उन्हें तो पार्टी से निष्कासन की जानकारी नहीं थी। इसकी जानकारी उन्हें सोशल मीडिया के जरिए लगी। हरक सिंह रावत ने कहा कि मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में अगर नहीं आया होता तो मैं बीजेपी को चार साल पहले ही छोड़ देता। मुझे कोई मंत्री पद का शौक नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता था। मैं अब कांग्रेस पार्टी से बात करूंगा और उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आने वाली है।
मैं कांग्रेस लाने के लिए जोर लगा दूंगा-हरक
हरक सिंह रावत ने कहा कि मैं कांग्रेस लाने के लिए जोर लगा दूंगा। भाजपा सत्ता में नहीं आएगी। कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आने वाली है। मैं अब कांग्रेस से बातचीत करूंगा और मैं कांग्रेस में ही जाऊंगा और किसी पार्टी में नहीं जाऊंगा और बिना शामिल हुए भी मैं कांग्रेस के लिए काम करूंगा।
क्या हरीश रावत करने देंगे एंट्री?
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या हरीश रावत हरक सिंह रावत को पार्टी में एंट्री देंगे। हरक सिंह रावत कांग्रेस की दहलीज पर खड़े हैं लेकिन क्या हरीश रावत उन्हें प्रवेश करने देंगे? क्या हरीश रावत उस वक्त को भूल पाएंगे और हरक को माफ कर कांग्रेस में एंट्री देंगे। हरक सिंह रावत ने अपनी इच्छा जाहिर कर दी है कि वो कांग्रेस में आना चाहते हैं और कांग्रेस के लिए काम करना चाहते हैं और वो कांग्रेस को जिताने के लिए जी जान लगा देंगे लेकिन क्या हरीश रावत उनको एंट्री देंगे। क्या हरीश रावत उन दिनों को भूल पाएंगे जब हरक ने बगावत कर भाजपा ज्वॉइन की थी और कांग्रेस को धोखा दिया था?