देेहरादून: उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारियों ने निगम और सरकार से निर्णायक लड़ाई का ऐलान कर दिया है। घाटे के नाम पर वेतन आधा करने व कर्मचारियों के बचत सहकारी ऋण खाते पर लगाई रोक के मसले में आक्रोशित रोडवेज कर्मचारियों की शासन और प्रबंधन के साथ वार्ता विफल हो गई। इसमें एक गुट रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की वार्ता प्रबंधन से हुई और दूसरे गुट उत्तराखंड परिवहन निगम की वार्ता प्रबंधन और उसके बाद शासन से हुई।
वार्त के विफल होने के बाद रोडवेज कर्मचारियों ने आज मध्य रात्रि बारह बजे से प्रदेशव्यापी हड़ताल का फैसला कर लिया है। इसी मामले पर संयुक्त मोर्चा गुरुवार रात्रि से हड़ताल पर जाने को अडिग है। कर्मचारियों का कहना है कि जब अंतरराज्यीय बस संचालन अब सुचारू हो गया है तो वेतन में कटौती करने का फैसला सही नहीं है। हड़ताल से रोडवेज बसों का संचालन ठप होना तय माना जा रहा।
वेतन में कटौती के साथ ही रोडवेज प्रबंधन ने उनके सहकारी बचत ऋण समिति के खाते पर भी रोक लगा दी। इससे कर्मचारी और गुस्सा गए। सभी बड़े कर्मचारी संगठनों के हड़ताल पर जाने के एलान से रोडवेज प्रबंधन सुलह के रास्ते तलाश रहा। प्रबंध निदेशक अभिषेक रुहेला की अध्यक्षता में हुई वार्ता में परिषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पंत और अन्य पदाधिकारियों ने वेतन कटौती तत्काल वापस लेने समेत सहकारी बचत ऋण खाते से रोक हटाने की मांग की।
प्रबंधन ने वेतन कटौती और सहकारी बचत ऋण खाते पर रोक हटाने से मना कर दिया, जिससे सुलह वार्ता विफल हो गई और कर्मचारी वार्ता छोड़कर बाहर आ गए। साथ ही एलान किया कि परिषद बुधवार रात 12 बजे से हड़ताल पर चली जाएगी। परिवन मंत्री यशपाल आर्य ने कर्मचारियों को सीएम से मिलवाने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि सीएम को जानकारी दी है कि कर्मचारी विरोध के फैसले हैं और अधिकारियों के उक्त फैसलों से सरकार की छवि धूमिल हो रही। परिवहन मंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आज को वार्ता का भरोसा दिया। हालांकि, कर्मचारियों ने कहा है कि सरकार यदि शाम तक ठोस फैसला नहीं लेती तो परिषद मध्य रात्रि से हड़ताल के फैसले पर कायम रहेगी।