दुनिया में एक समय पर कहीं तेज बारिश हो रही है, बाढ़ से लोगों के घर और सड़के डूब गए हैं तो उसी समय में कहीं तेज गर्मी से लोग झुलस रहे हैं। एक तरफ बाढ़ ने लोगों का जीवन प्रभावित किया है तो दूसरी तरफ तेज गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। कहीं सूखा है तो कहीं भूमि की उपजाऊ शक्ति खत्म हो गई है। यानि हम कह सकते हैं कि मौसम बदल रहा है। जलवायु परिवर्तन हो रहा है। पहले तक हम सभी इसका कारण ग्लोबल वार्मिंग को मानते थे, लेकिन अब ग्लोबल वार्मिंग खत्म हो गई हैं और ग्लोबल बॉयलिंग का दौर शुरू हो गया है। पर क्या आपको पता चला कि हमारी धरती उबल रही है। अगर नहीं तो आइये जानते है कि ये ग्लोबिंग बॉयलिंग आखिर क्हैया और इससे मानव जीवन में क्या फर्क पड़ सकता है।
क्या है ग्लोबल बॉयलिंग
ग्लोबल बॉयलिंग वो दौर है जब हवा सांस लेने लायक न हो। गर्मी सहने लायक न रहें और जीवाश्म ईंधन से होने वाले मुनाफे को काबू करने और जलवायु को ठीक करने में हमारी शिथिलता अस्वीकार्य हैं।
मनुष्य इसके लिए दोषी है- एंटोनियो गुटेरेस
हाल ही में दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग का युग अब खत्म हो चुका है। यह अब ग्लोबल बॉयलिंग बन चुका है। उन्होनें कहा कि मानवता गर्म सीट पर है। उत्तरी अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और यूरोप के विशाल हिस्सों के लिए, यह एक क्रूर गर्मी है। पूरे ग्रह के लिए यह एक आपदा है। उन्होनें कहा कि मनुष्य इसके लिए दोषी है।
जुलाई 2023 मानव इतिहास का सबसे गर्म महिना
बता दें कि मौसम विज्ञान संगठन और यूरोपीय आयोग की एक समिति ने कहा कि जुलाई 2023 मानव इतिहास का सबसे गर्म महिना साबित हुआ है । उत्तरी अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और यूरोप के साथ-साथ यह पूरी धरती के लिए खतरनाक है।
जलवायु परिवर्तन के लिए ये गैसे मुख्य वजह
वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन के लिए जिन गैसों को मुख्य मानती हैं उनमें नाइट्रस ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड, हाइड्रो फ्लोरो कार्बन, मीथेन शामिल है।
धरती में इन गैसों के बढ़ने की मुख्य वजह ये हैं
कार्बन का अत्यधिक उत्सर्जन
पेड़ों की कटाई
फसलों में ज्यादा फर्टीलाइजर का इस्तेमाल
फ्रिज, एसी, बॉडी स्प्रे
2050 तक कई शहर डूब जाएंगे
ग्लोबल बॉयलिंग के कारण आने वाले 2050 तक कई शहर डूब जाएंगे। समुद्र के पास के कई इलाके पानी में समा जाएंगे। जिनमें मुबंई शबर डूब सकता है। गुजरात के कई तटवर्ती इलाकें प्रभावित होंगे। गोवा के कई खूबसूरत समुद्री तटों का जलस्तर बढ़ेगा। कर्नाटक केरल, तमिलनाडु के कई इलाके समुद्र के पास के इलाके पानी में समा सकते हैं। यदि इस तरह से धरती में तापमान में बढ़ोतरी होती रही और ग्लोबल बॉयलिंग का दौर बढ़ता चला गया तो आने वाले 2050 तक काफी बदलाव दुनिया में आ जाएंगे।
ग्लोबल बॉयलिंग के कारण होंगे यह बदलाव
तापमान बढ़ने से आने वाले दिनों में तनाव बढ़ेगा।
हार्ट से जुड़ी समस्याओं से लोग काफी ग्रस्ति होंगे।
प्री-टर्म जन्म और शिशु मृत्यु दर में वृद्धि होगी
हमारे सोचने की क्षमता प्रभावित होगी
भीषण बारिश की घटनाएं भी बढ़ेंगी, और कई मौतें होंगी।
कहीं बहुत भारी वर्षा होगी तो कहीं बहुत कम होगी।
2030 तक समुद्र जलस्तर में होने वाली वृद्धि के कारण सात एशियाई शहरों में डेढ़ करोड़ लोग और 1829 वर्ग किलोमीटर भूमि प्रभावित होगी।
2030 से लेकर 2050 के बीच कई प्रकार की बीमारियों से लोग ग्रसित होंगे।
वातावरण की गैसें समुद्र में मिल जाएंगी और समुद्र अम्लीय हो जाएंगे।
2040 तक हर 4 में से 1 बच्चा पानी की कमी वाले क्षेत्रों में होगा।
2050 तक जलवायु परिवर्तन से पैदा होने बच्चे कुपोषित होंगे।