उत्तर प्रदेश में विवाह प्रमाण बनाते समय अब वर-वधु को दहेज का विवरण भी देना होगा। इस संबंध में शासन ने निबंधन विभाग को निर्देश जारी किए हैं। जानकारी के मुताबिक, विवाह प्रमाण पत्र बनाने के लिए हजारों की तादाद में आवेदन किए जाते हैं।
नियमों के मुताबिक, वर-वधु पक्ष की ओर से विवाह का कार्ड आधार कार्ड, हाई स्कूल की मार्कशीट के साथ दो गवाहों के दस्तावेज भी लगाए जाते हैं। अब उनके साथ में दहेज के शपथ पत्र को भी अनिवार्य कर दिया गया है। इसके लिए कार्यालय में नोटिस भी लगा दिया गया है। इस शपथ पत्र में शादी के लिए दिए गए दहेज का ब्यौरा देना होगा। मीडिया रिपोर्ट में मिली जानकारी के मुताबिक, शासन की ओर से विवाह प्राप्त के लिए शपथ पत्र अनिवार्य किया गया है और सभी को यह निर्देशित कर दिया गया है कि डॉक्यूमेंट के साथ दहेज का प्रमाण पत्र भी दें।
यहां काम आता है शादी का सर्टिफिकेट
शादी के बाद ज्वाइंट बैंक अकाउंट खुलवाने में।
पासपोर्ट के लिए अप्लाई के दौरान।
शादी के बाद बीमा कराने के दौरान।
दंपत्ति ट्रैवल वीजा या किसी देश में स्थाई निवास के लिए।
महिला शादी के बाद सरनेम नहीं बदलना चाहती तो ऐसे में मैरिज सर्टिफिकेट के बगैर सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
शादी के बाद किसी नेशनल बैंक से लोन लेने के लिए शादी का सर्टिफिकेट जरुरी होता है।
किसी भी प्रकार के कानूनी मामले में शादी का सर्टिफिकेट जरुरी।
तलाक की अर्जी के लिए शादी का सर्टिफिकेट जरुरी।