कुंभ में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका आंकड़ों के लिहाज से सच साबित होती दिख रही है। हरिद्वार जिले के ताजा आंकड़ों के अनुसार जिले में कोरोना के अधिकतर मरीज बाहरी राज्यों से आए हुए हैं। हरिद्वार में कोरोना का प्रसार इन्ही श्रद्धालुओं की वजह से हुआ है।
दरसअल स्वास्थ विभाग के आंकड़ों इस बात की गवाही दे रहें हैं कि हरिद्वार में कोरोना श्रद्धालुओं के जरिए ही फैला है। उन्हीं की वजह से कोविड का संक्रमण तेजी से फैलता गया। आंकड़ों के अनुसार हरिद्वार में दस दिनों में कुल मरीज मिले 5909। इनमें 1662 एक्टिव केस तो हरिद्वार के हैं बाकी बचे हुए अन्य राज्यों से आए हुए हैं। बाहरी राज्यों से आए मरीजों का आकंड़ा 71 फीसदी से अधिक है।
स्वास्थ विभाग की रिपोर्ट बताती है कि हरिद्वार में 12 अप्रैल को कुंभ के शाही स्नान के बाद कोरोना के एक्टिव केस बेहद तेजी से बढ़े। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 12 अप्रैल को हुए शाही स्नान में तकरीबन पचास लाख लोगों ने गंगा स्नान किया। इसके ठीक बाद हरिद्वार में कोरोना के एक्टिव केस बेहद तेजी से बढ़ने लगे। 11 अप्रैल को हरिद्वार में कोरोना के एक्टिव केस 2056 थे जो 12 अप्रैल के शाही स्नान के एक दिन बाद यानी 13 अप्रैल को 2812 हो गए।
14 अप्रैल को हरिद्वार में फिर एक बार शाही स्नान का आयोजन हुआ। 14 अप्रैल को हरिद्वार में कोरोना के 525 नए मरीज मिले। 15 अप्रैल को यानी शाही स्नान के अगले दिन हरिद्वार में कोरोना के केस बढ़कर 613 हो गए।
हरिद्वार में कोविड नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाईं गईं। भारी भीड़ के चलते प्रशासन कोविड नियमों का पालन करा पाने में नाकाम भी रहा। फिर शाही स्नान जैसे आयोजनों में सोशल डिस्टेंसिंग का कोई मतलब रह नहीं जाता है। इसी के मद्देनजर अब दिल्ली और महाराष्ट्र के साथ ही कई अन्य राज्यों ने हरिद्वार से लौट रहे श्रद्धालुओं की आरटीपीसीआर जांच के साथ ही उन्हें क्वारनटीन करने के आदेश दे दिए हैं।