पौड़ी: उत्तराखंड में सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों को सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देना अनिवार्य है। लेकिन, बांड की शर्तों का उल्लंघन होता रहता है। ऐसे डॉक्टरों पर अब सरकार सख्त हो गई है। ऐसा ही मामला राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में सामने आया है।
मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने वाले 12 डॉक्टरों के बांड की शर्त तोड़ने पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उत्तराखंड के 8 जिलों के डीएम समेत भरतपुर राजस्थान के डीएम को चिट्ठी लिखकर डॉक्टरों से वसूली के लिए कहा गया है। कॉलेज प्रशासन ने बताया कि बांड तोड़ने वाले डॉक्टरों का कोई पता नहीं चल पा रहा है।
जिसके बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने संबंधी जिलों के प्रशासन से बांड तोड़ने वाले इन डॉक्टरों का पता कर वसूली में सहायता के लिए पत्र भेजा है। बांड की शर्त तोड़ने पर एक डॉक्टर से 33 लाख से अधिक वसूली करनी है। बता दें कि सरकारी फीस पर एमबीबीएस करने वाले डॉक्टरों को एक साल की इंटर्नशिप करने के बाद प्रदेश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में सेवाएं देनी होती हैं।
कई डॉक्टर ऐसे हैं, जो पढ़ाई करने के बाद बांड की शर्त के अनुसार सरकारी अस्पतालों से गायब हैं। ये डॉक्टर 2008 से 2012 बैच के हैं। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने बताया कि बांड की शर्त पर मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई और शर्त के अनुसार डॉक्टरी सेवा नहीं देने वाले 12 डॉक्टरों का कोई पता नहीं नहीं चल रहा है।