प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के केदारनाथ धाम में दर्शन के दौरान सुनियोजित ढंग से नारेबाजी को भाजपा की कुत्सित और विकृत मानसिकता का परिचायक बताते हुए इस हरकत की कडे़ शब्दों में निंदा की है। उन्होंने सवाल किया है कि क्या केवल भाजपा नेताओं को केदारनाथ धाम में दर्शन का अधिकार है ?
क्या केवल भाजपा नेताओं को है केदारनाथ धाम में दर्शन का अधिकार ?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि अपनी निजी धार्मिक यात्रा पर उत्तराखण्ड आये कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष हुल गांधी के केदारनाथ दर्शन के दौरान सुनियोजित ढंग से जिस प्रकार नारेबाजी करवाई गई वो सनातन धर्म में किसी भी स्थिति में उचित नहीं ठहराई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि ये वही राहुल गांधी जी हैं जिन्होंने केदारनाथ आपदा के बाद पैदल यात्रा कर पूरे विश्व को संदेश देने का काम किया था कि केदारनाथ सहित चारों धामों की यात्रा पूरी तरह सुरक्षित है। उस समय भाजपा के झंडावरदार दुनियांभर में गाते फिर रहे थे कि चारधाम यात्रा सुरक्षित नहीं है।
चारों धामों में परंपराओं का भाजपा नेता कर रहे क्षरण
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने ये भी कहा कि भाजपा तथा नरेन्द्र मोदी आज अपने आप को भगवान केदारनाथ और बद्रीनाथ से बड़ा बताने की चेष्टा कर रहे हैं जो उनकी तुच्छ, निकृष्ठ एवं कुत्सित मानसिकता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि चारों धामों में सदियों से चली आ रही परंपराओं का जिस प्रकार भाजपा नेता क्षरण कर रहे हैं उसे सनातन धर्म में कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तराखंड पहुंचे। स्वयंभू बागेश्वर बाबा उर्फ धीरेंद्र शास्त्री ने केदारनाथ लिंग के गृभ ग्रह में फोटो शूट करवाया उससे उन्होंने हिन्दू धर्म एवं हिन्दुओं की आस्था के साथ न केवल खिलवाड़ किया है बल्कि सदियों से चली आ रही परम्पराओं और मन्दिर समिति के नियमों का भी खुला उलंघन किया है। जिसके लिए बाबा केदारनाथ उन्हें कभी क्षमा नहीं करेंगे।
सरकार के चहेते लोगों के लिए क्या धर्म के भी अलग नियम है?
करन माहरा ने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा के देहरादून में लगाए गए दरबार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में सनातनियों से सिर पर कफन बांधकर निकलने वाले भड़काऊ बयान के बाद विवाद शांत भी नहीं हुआ था कि अपने तमाम अनुयाइयों के साथ बाबा केदार के दर्शन करने पहुंचे धीरेंद्र शास्त्री के कई फोटो केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में फोटो शूट करवाने से एक और विवाद ने जन्म लिया है कि क्या नियम कानून सिर्फ आम लोगों के लिए हैं?
भाजपा के नेताओं और सरकार के चहेते लोगों के लिए क्या धर्म के भी अलग नियम है? क्या नरेन्द्र मोदी और धीरेन्द्र शास्त्री बाबा केदार से बड़े हो गये हैं जो उन पर नियम लागू नहीं होते हैं? राज्य की धामी सरकार को इसका जवाब देश और प्रदेश की जनता को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले नरेन्द्र मोदी और अब धीरेन्द्र शास्त्री के गृभग्रह वाले फोटो से दुनियाभर के हिन्दुओं की आस्था को भी गहरी चोट पहुंची है। जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और धीरेन्द्र शास्त्री को देश के हिन्दुओं से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।