वैदिक पंचाग के अनुसार इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसके बाद 30 अक्टूबर को बुधवार को दिन नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। बता दें कि नकर चतुदर्शी के दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि यह पूजा मृत्यु के बाद नरक में जाने से बचने का उपाय है। क्या आप जानते हैं कि नरक चतुदर्शी को छोटी दिवाली क्यों कहते हैं और यह पर्व क्यों मनाया जाता है?
छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं
छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन यम की पूजा करने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। कहते हैं कि इस दिन सुबह-सवेरे स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण की पूजा करने से रुप सौंदर्य की प्राप्ति होती है। ऐसी भी मान्यता है कि राम भक्त हनुमान ने माता अंजनि के गर्भ से इसी दिन जन्म लिया था। इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है।
क्यों कहते है छोटी दिवाली?
नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह दिवाली से एक दिन पहले आती है और इस दिन भी घरों में दीपक जलाए जाते हैं। मुख्य तौर पर इस दिन 14 दीपक जलाने का विधान है। कहते हैं कि इस दिन पूजा करने से आपको नरक जाने से मुक्ति मिलती है।