एक सितंबर को हरिद्वार में हुई ज्वैलरी की दुकान में डैकेती का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इसमें एक अपराधी का एनकाउंटर किया गया है। जबकि दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। डीजीपी ने इस मामले के खुलासे के वक्त बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बड़े नेताओं को ऐसे पुलिस व्यवस्था को लेकर बयान नहीं देना चाहिए और पुलिस पर भरोसा रखना चाहिए।
अपराधियों में नहीं है उत्तराखंड पुलिस का खौफ
बता दें कि एक सितंबर को हरिद्वार में हुई ज्वैलरी की दुकान में डैकेती हुई थी। दिन-दहाड़े हुई डकैती को लेकर प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को को लेकर कई सवाल उठ रहे थे। जहां एक ओर विपक्ष लगातार पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठा रहा था तो वहीं कुछ बीजेपी के नेता भी इस पर सवाल उठा रहे थे। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीते दिनों मीडिया को दिए एक बयान में कहा था कि बदमाशों में पुलिस का खौफ नहीं है और उत्तराखंड में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा था कि पुलिस सरकार की होती भी है और नहीं भी। पुलिस को निरपेक्ष होकर काम करना चाहिए और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। पुलिस को पुलिस का काम करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अपराधी पकड़े जा रहे हैं लेकिन उनमें पुलिस का जो खौफ होना चाहिए वो नहीं है।
अपराधी उत्तराखंड में ले रहे हैं शरण
पूर्व सीएम ने इसके साथ ही उत्तर प्रदेश का उद्धारण देते हुए कहा था कि पड़ोसी राज्य में जिस तरीके से बदमाशों को दबाया जा रहा है उसी तरीके से उत्तराखंड में भी होना चाहिए ताकि उनकी उत्तराखंड में घुसने की हिम्मत ना हो। अपराधियों पर एक्शन तो लिया जा रहा है लेकिन गुंडों में पुलिस का खौफ नहीं है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य में बदमाशों को जिस तरीके से सख्ती से दबाया जा रहा है तो वो उत्तराखंड में शरण ले रहे हैं। उत्तराखंड में अपराधियों को शरण मिल रही है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।
DGP ने दी त्रिवेंद्र सिंह रावत को सलाह
आज हरिद्वार में हुई ज्वैलरी की दुकान में डैकेती का खुलासा करते हुए DGP अभिनव कुमार ने जानकारी दी कि एक बदमाश एनकाउंटर में मारा गया है। जबकि दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया है और दो बदमाश फरार है। इस दौरान उन्होंने कहा कि बीते दिनों बड़े नेताओं ने पुलिस व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। उन्होंन कहा कि चिंता करना जायज है लेकिन उन्हें भी पुलिस पर भरोसा रखना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने आलोचना भी की थी जो कि स्वाभाविक है लेकिन उन्हें वो कहना चाहते हैं कि थोड़ा अपनी पुलिस और अपनी सरकार पर आस्था और विश्वास रखें।