प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी ने मांग की है कि देश के पूर्व पीएम पंडित नेहरू के निजी पत्र, जो सोनिया गांधी ने लिए थे, उन्हें वापस किया जाए। ये पत्र साल 2008 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में सोनिया गांधी ने मंगवाए थे। 10 दिसंबर को लिखे पत्र में पीएमएमल के सदस्य रिजवान के कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सोनिया गांधी से मूल पत्र वापस लेने या कॉपी या डिजिटल कॉपियां देने का आग्रह किया है।
कादरी ने अपने पत्र में क्या कहा?
कादरी ने अपने पत्र में कहा कि ये कागजात नेहरू के एडविन माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, अरूणा आसफ अली और जयप्रकाश नारायण समेत अन्य लोगों के साथ हुए पत्राचार से रिलेटेड हैं और एनएमएमएल सोसायटी ने इस साल फरवरी के महीने में अपनी आखिरी एनुअल मीटिंग के दौरान इस पर गहनता से चर्चा की थी।
पंडित नेहरू के ये पत्र काफी ऐतिहासिक
पंडित नेहरू के ये पत्र काफी ऐतिहासिक माने जाते हैं। पहले ये पत्र जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल के पास थे, जिन्हें साल 1971 में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को दिए गए। अब इसी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को पीएम मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के रुप में जाना जाता है। जिन पत्रों की मांग की गई है, उनमें पंडित नेहरू और एडविना माउंटबेन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण, पद्मज नायडू, विजय लक्ष्मी पंडित, अरुणा आसफ अली, बाबू जगजीवन राम और गोविंद वल्लभ पंत आदि महान विभूतियों के बीच हुई बातचीत पर आधारित हैं।