भारत की व्हिसकी की मांग विदेश में काफी बढ़ गई है। भारत में उत्पादित हो रहे व्हिस्की इंद्री, अमृत और रामपुर की मांग विदेशों में काफी बढ़ रही है जिसे देखते हुए कहा जा रहा है कि भारत को एल्कोहल से होने वाली कमाई एक अरब डॉलर से अधिक हो जाएगी।
वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल का कहना है कि 2023-2024 का यह वित्त वर्ष 31 मार्च को समाप्त होगा और भारत को अप्रैल से अक्टूबर तक ही एल्कोहल निर्यात से 23 करोड़ डॉलर मिल चुके हैं। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की एल्कोहल से विदेशी कमाई 32.5 करोड़ डॉलर थी।
भारतीय शराब की मांग बढ़ रही
वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने बताया कि भारतीय शराब की मांग बढ़ रही है। अगले कुछ सालों में इसके एक अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। भारत का पेय पदार्थों का बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है और धीरे धीरे दुनिया भर में इन ब्रांडों की मांग भी बढ़ रही है। एल्कोहल उत्पादों का वैश्विक व्यापार लगभग 130 अरब डॉलर का है। इस क्षेत्र में विश्व व्यापार पर स्कॉच व्हिस्की का कब्जा है जो अरब डॉलर की कमाई करता है।
भारत में व्हिस्की को लेकर मुद्दा अनसुलझा
भारत में व्हिस्की को लेकर एक मुद्दा अनसुलझा हुआ है वो ये है कि यह केवल एक साल तक ही मैच्योर की जाती है। सामान्यत: कोई शराब व्हिस्की तभी मानी जाती है जब वो तीन साल तक मैच्योर की गई हो। लेकिन भारत का शराब उघोग यह दावा करता है कि भारत की जलवायु गर्म है जिस कारण व्हिस्की एक साल में मैच्योर हो जाती है और उसका टेस्ट भी वैसा ही होता है जैसा कि तीन साल मैच्योर की गई व्हिस्की की।