देहरादून : देहरादून के कारगी चौक में खुले प्यारी पहाड़न नाम के रेस्टोरेंट को लेकर बीते दिन क्रांतिकारियों ने जमकर हंगामा किया और नाम बदलने के साथ बोर्ड हटाने को कहा। नाम पर आपत्ति जताते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल की। ये मामला गर्माता चला गया और सोशल मीडिया पर छा गया। बस फिर क्या था लोग पहुंचने लगे प्रीति के रेस्टोरेंट में…प्रीति के रेस्टोरेंट में कई लोग उनसे मिलने आ रहे हैं और बेटी को सपोर्ट कर रहे हैं। आए दिन मीडिया वालों का रेस्टोरेंट में जमावड़ा लग रहा है और लगातार प्रीति का इंटरव्यू लिया जा रहा है। और कई संगठन समेत समाजसेवी प्रीति से मिलने पहुंचे और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। वहीं प्रीती के पक्ष में हदरा भी आ गए हैं।
हरीश रावत की पोस्ट
बता दें कि अब हरीश रावत भी प्यारी पहाड़न के पक्ष में आ गए हैं. हरदा ने फेसबुक पर लिखा की ”हमारी एक बेटी प्रीति मंडोलिया ने कारगी चौक देहरादून के पास “प्यारी पहाड़न” के नाम से एक होटल कम रेस्टोरेंट खोला है, जिसमें उत्तराखंडी उत्पादों पर आधारित भोजन परोसा जाता है, बहुत चर्चाएं हैं। प्रीति आपके प्रयास के साथ हम सबका आशीर्वाद है।
आगे हरदा ने लिखा कि हमारा प्रयास था कि फूड सेक्टर में हमारी बहनें, हमारी बेटियां बड़ी संख्या में आएं, इसलिये हमने इंदिरा अम्मा कैंटीन खोली थी और अब मुझे खुशी है कि सड़कों के किनारे भी ऐसे ढाबे बने हुये हैं, जिन ढाबों में उत्तराखण्डी भोजन परोसा जाता है और महानगर में जिस प्रकार से आपने, आपसे पहले एक हमारी बहन और कुछ भाइयों ने भी प्रयास किया।मुझे खुशी है कि आपके प्रयास को सबका आशीर्वाद मिल रहा है। मैं अपील करना चाहता हूंँ लोगों से कि जरूर हर हफ्ते एक बार अपने परिवार के साथ “प्यारी पहाड़न” रेस्टोरेंट में उत्तराखंडी व्यंजनों का स्वाद चखें और अपने घर व पूर्वजों को याद करें।
बता दें कि क्रांतिकारी सुरेंद्र सिंह रावत ने रेस्टोरेंट के ऑपनिंग के दिन वहां आकर जमकर हंगामा किया। खुद को क्रांतिकारी बताने वाले सुरेंद्र सिंह रावत ने फेसबुक लाइव कर रेस्टोंरेंट की मालकिन प्रीति से रेस्टोरेंट के नाम को लेकर आपत्ति जताने की बात कही। इतना ही नहीं क्रांतिकारी ने जमकर हंगामा किया और बोर्ड हटाने को कहा।
रेस्टोरेंट की ऑनर प्रीति मंदोलिया का बयान
रेस्टोरेंट की ऑनर प्रीति मंदोलिया का कहना है कि अगर किसी को प्यारी पहाड़न नाम से कोई आपत्ति थी तो हम इस मुद्दे पर शांति से बात कर सकते थे। मैंने सुरेन्द्र सिंह रावत जी को भी बोला की हम शांति से बात करने की गुजारिश भी की है और इस मामले का शांति से हल निकालने को कहा लेकिन सुरेन्द्र सिंह रावत जी को यह प्रस्ताव रास ना आया और वो जम कर रेस्टोरेंट के आगे हंगामा मचा रहे हैं।
प्रीति का कहना है इस नाम से आपत्ति थी तो मै यह नाम बदलने तक को तैयार थी लेकिन इस तरह हंगामा करके मेरा मानसिक उत्पीड़न किया गया और मुझे लगातर धमकी भरे कॉल्स आ रहे हैं।
दूसरे तथ्य के लोगो का भी कहना है कि जब हम अपनी मां को प्यारी मां, बहन को प्यारी बहन और उत्तराखंड को प्यारी देवभूमि के सकते है तो फिर पहड़ान्न को प्यारी पहाड़न” कितना गलत है ? और गलत है तो इस मामले पर शांति से बात की का सकती थी इस तरह हंगामा खड़ा करना कहां तक उचित है।