देहरादून : देहरादून में मंत्री-विधायकों और आम जनता के घरों में सप्लाई होने वाले पानी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। बता दें कि एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि देहरादून का पानी पीने योग्य नहीं है। आलम यह है कि सरकारी आवास हो या मंत्री का आवास, सभी जगह सप्लाई हो रहा पानी पीने योग्य नहीं है औऱ ना ही उसे पिया जा सकता है। यह दावा स्पेक्स संस्था ने किया है।
दरअसल, जून महीने में संस्था ने देहरादून में 125 जगह के पानी के नमूने जांच के लिए जिसमें से 118 जगह के नमूने मानकों के विपरीत मिले। 53 स्थानों में पानी में क्लोरीन मानकों से अधिक पाई गई। वहीं जांच में 49 स्थान ऐसे रहे जिसमे क्लोरीन नहीं मिला। ताज्जुब की बात यह है कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सतपाल महाराज, विधायक खजांदास, जिलाधिकारी देहरादून कैम्प कार्यालय, एसएसपी देहरादून आवास में भी पानी पीने योग्य नहीं मिला है और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
देहरादून में कई इलाकों के पानी के नमूने जांच के लिए लिए गए थे
बताते चले कि संस्था द्वारा देहरादून राजधानी में कई इलाकों के पानी के नमूने जांच के लिए लिए गए थे जिसमें ज्यादातर जगह पर सुपर क्लोरीनेशन की वजह से पानी पीने योग्य नहीं मिला। स्पेक्स संस्था के सचिव बृज मोहन शर्मा ने बताया कि अत्यधिक मात्रा में फिकल कलोरिफॉर्म पाया गया है जिससे देहरादून में सप्लाई किया जा रहा पानी पीने योग्य नहींहै। ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
जिम्मेदार अधिकारियों को हर साल रिपोर्ट दी जाती है-सचिव
बताते चलें कि सपेरा बस्ती में 26, तरला नागल में 14, अधोई वाला में 12 फिकल कॉलीफार्म पाया गया है। संस्था के सचिव ने बताया कि जिम्मेदार अधिकारियों को हर साल रिपोर्ट दी जाती है लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों द्वारा इस बाबत कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। बता दें कि अधिकारियों की ये लापरवाही लोगों के स्वास्थ्य पर हावी हो रही है। लोगों को गंभीर बिमारियां हो रही है। लेकिन सरकार और शासन के अधिकारी बेसुध हैं।
कठोरता वाला पेयजल पीने के प्रमुख नुकसान
– बाल और त्वचा पर बूढ़ेपन के लक्षण तेजी से दिखते हैं।
– खाली पेट रहने से पथरी बढ़ने का खतरा रहता है।
– लीवर, किडनी, आंखें, हड्डी के जोड़, गैस्ट्रो और पाचन पर बुरा प्रभाव ड़ालते हैं।
फीकल कॉलिफार्म से होने वाले नुकसान
– पेट में कीड़े व अन्य रोग तेजी से बढ़ते हैं।
– हैजा, दस्त, पीलिया, उल्टी और हेपेटाइटिस बी का खतरा बढ़ जाता है।
क्लोरीन के ज्यादा और लगातार प्रयोग से हानि
– बाल सफेद होना, त्वचा बूढ़ी होना, त्वचा सूखना, कपड़ों का रंग जाना और पेट के अन्य रोग जिसमें कैंसर व अल्सर भी शामिल हैं।