देहरादून: भाजपा घोषणा पत्र को लेकर तमाम दावे कर रही है। लेकिन, एक के बाद एक तारीखें तय करने के बाद फिर उनको निरस्त कर दिया जा रहा है। चुनाव में बहुत कम समय बचा हुआ है। सवाल यह है कि आखिर भाजपा क्यों बार-बार घोषणा पत्र की तारीखों को बदलाव रही है। अब इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं भी चल रही हैं।
चुनाव प्रचार प्रसार को लेकर इन दिनों सियासी दलों की तरफ से पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में माहौल जुटाने के लिए स्टार प्रचारकों की फौज डेरा जमाए हुए है। राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों के स्टार प्रचारक जनता के बीच जाकर वोट बैंक को साधने की कोशिश में लगे हैं।
इस बार 60 पार का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी ने अब तक अपना चुनावी घोषणा पत्र ही जारी नहीं किया है। एक दिन पहले यानी 7 फरवरी को यह तय हो चुका था कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भाजपा का विज़न डॉक्यूमेंट जारी करेंगे। लेकिन, ऐन मौके पर जारी करने की तारीख को फिर टाल दिया गया है।
अब 8 फरवरी यानी आज भी घोषणा पत्र जारी नहीं होगा। बार-बार घोषणापत्र टाले जाने से भाजपा की रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने दो फरवरी को घोषणापत्र जारी करने का एलान किया था। उसके बाद पार्टी ने सात फरवरी की तिथि तय की थी। इस तारीख पर घोषणापत्र जारी नहीं हुआ।
माना जा रहा है कि अब नौ फरवरी को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी घोषणापत्र जारी कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, घोषणापत्र तैयार हो चुका है और यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगा। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने बताया कि घोषणापत्र जल्द जारी हो जाएगा।