देश मे एक तरफ जहां कोरोना का कहर एक बार फिर से बढ़ने लगा है तो वहीं दूसरी और भारत में एक नए खतरनाक वायरस ने दस्तक दे दी है जो कि कोरोना से भी खतरनाक है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि केरल में 251 लोगों में निपाह के लक्षण पाए गए हैं जिनमे 129 स्वास्थ्यकर्मी हैं.सभी को आइसोलेशन में रखा गया है. बता दें कि इन 251 लोगों में 54 अत्यंत जोखिम वाली कैटेगरी में हैं. वहीं इन लोगों में 30 लोग स्वास्थ्यकर्मी हैं. वहीं कुछ लोग मृतक बच्चे के रिश्तेदार हैं.
निपाह वायरस बेहद खतरनाक वायरस-WHO
WHO के अनुसार निपाह वायरस बेहद खतरनाक वायरस है. यह जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमार को जन्म देता है. साथ ही चौकाने वाली बात यह है कि हाल ही में वायरस के एक इंसान से दूसरे इंसान में ट्रांसफर होने की पुष्टि भी गई है. ऐशे में केरल पर कोरोना के खतरे के बीच निपाह वायरस का खतरा भी मडरा रहा है.
इन जानवरों से फैल सकता है वायरस
निपाह वायरस एक जूनोटिक संक्रमण यानी की एक ऐसा संक्रामक जो प्रजातियों के बीच, जानवरों से इंसानों में या इंसानों से जानवरों में होती है. बता दें कि साल 1999 में इस वायरस को अलग कर इसकी पहचान की गई थी. माना जाता है कि निपाह वायरस कुत्ते, सुअर, बकरी, भेड़ इत्यादि जानवरों से फैल सकता है. बता दें कि निपाह वायरस का फिलहाल कोई इलाज नहीं है. वहीं इसकी कोई एंटीवायरल दवा भी नहीं बनी है.
सबसे पहले ऐसे फैला
सबसे पहले निपाह वायरस ने सूअर को प्रभावित किया था। इसके बाद साल 2004 के अंदर बांगलादेश में खजूर के सेवन से हुआ था, क्योंकि यह खजूर चमगादड़ ने दूषित किए थे। डॉक्टरों का कहना है कि अभी तक इस गंभीर वायरस से जुड़ी ना तो कोई थेरेपी है और ना ही वैक्सीन। ऐसे में इस वायरस से बचे रहना ही एकमात्र विकल्प है।
लक्षण
-निपाह वायरस से संक्रमित होने के बाद मरीज 24-48 घंटे में कोमा में जा सकता है. सांस लेने में दिक्कत आ सकती है वहीं न्यूरो से संबंधित समस्या भी देखने को मिल सकती है.
– वर्ष 1998-99 में यह बीमारी केरल में तेजी से फैली थी. इस दौरान इसकी चपेट में 265 लोग आए और करीब 40 फीसदी मरीज ऐसे मिले थे जिन्हें नर्वस बीमारी हुई थी और उनकी मौत हो गई.
– बता दें कि यह बीमारी इंसानों में चमगादड़ों, सूअरों या फिर इंसानों से ही फैलता है.