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राजस्थान का बहादुर बेटा शेरसिंह जाट वतन पर मर मिटा है। सीआरपीएफ जवान शेरसिंह जाटव श्रीनगर के पंथा चौक इलाके में आतंकियों को मुकाबला करते हुए शहीद हो गए हैं। यहां बुधवार शाम को आतंकियों ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर घात लगाकर हमला किया था।
बता दें कि 42 वर्षीय शहीद शेरसिंह जाटव मूलरूप से राजस्थान के अलवर जिले के खेरली इलाके गांव समूंची के रहने वाले थे। गांव समूंची में सिवली जाटव के बेटे शेरसिंह जाटव श्रीनगर आतंकी हमले में गोली लगने से शहीद हुए हैं।
सीआरपीएफ की 29 बटालियन में बतौर सब इंस्पेक्टर तैनात शेरसिंह जाटव इन दिनों श्रीनगर में तैनात थे। बुधवार शाम को वे सीआरपीएफ के अन्य जवानों के साथ जा रहे थे। वे वाहन में आगे की सीट पर बैठे थे। पंथा चौक पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। सीआरपीएफ जवानों ने भी आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। इसी दौरान शेरसिंह जाटव शहीद हो गए। उनके दो बेटे हितेश व राहुल है।
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बता दें कि गुरुवार सुबह गांव समूंची में शेरसिंह जाटव के शहीद होने की खबर के बाद सन्नाटा पसर गया। गांव में बाजार बंद रहे। आस-पास के घरों में भी चूल्हे नहीं जले। शहीद की पार्थिव देह गुरुवार शाम या रात तक घर पहुंचने की उम्मीद है।
शेर सिंह 1992 में सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे. उन्हें पिछले साल ही एसआई पद पर प्रमोशन मिला था. 30 अप्रैल को ही वो छुट्टी खत्म होने के बाद गांव से ड्यूटी पर गए थे. 22 अप्रैल को बेटे की सगाई की थी और जुलाई में बेटे की शादी तय करने के लिए आने की बात कह रहे थे. आतंकियों के हमले से पहले शेर सिंह की मोबाइल से पत्नी और बेटे से बात हुई थी.