ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरुवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि ऑर्गन डोनर्स का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि सरकार की इस पहल का उद्देश्य ऑर्गन डोनर्स के द्वारा दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए किए गए साहस और बलिदान को सम्मान देना है।
क्या कहा ओडिशा के सीएम ने?
मुख्यमंत्री पटनायक ने कहा, ऑर्गन डोनर्स को सम्मानित करने से समाज में अंग दान की अहमियत के बारे में जागरूकता पैदा होगी और ज्यादा लोग आगे आने के लिए प्रेरित होंगे। अंग दान एक महान कार्य है। जो लोग अंग दान करने का साहसी फैसला लेते हैं, वो कई लोगों की जिंदगी बचाने में अहम रोल अदा करते हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ओडिशा सरकार ने पहले ही साल 2019 में राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन की स्थापना की है। सरकार ने 2020 में ऑर्गन डोनर्स के लिए सूरज अवार्ड की भी स्थापना की थी।
कैसे हुई सूरज अवार्ड की स्थापना
ओडिशा के गंजम जिले के भंजनगर में सूरज नाम के युवक के साथ सड़क दुर्घटना हो गई थी, जिसमें वह गंभीर रुप से घायल हो गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसको ब्रेन डेड घोषित किया गया। इसके बाद राज्य सरकार ने सूरज अवार्ड की स्थापना की। सरकार के फैसले के बाद युवक के रिश्तेदारों ने उसके अंगों को दान करने का फैसाल किया। उनके इस फैसले से छह लोगों की जान बचाने में मदद मिली थी। सरकार अंग दान करने वाले परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 लाख रुपये भी देती है।