टिहरी : टिहरी से एक गजब का मामला सामने आया है। मंदिर के नीचे ठेका खुला हुआ है। उससे भी ज्यादा हैरानी तब हुई जब पुलिस ने केवल बोर्ड हटाने की कार्रवाई की। आपको बता दें कि मामला टिहरी का है। इस पोस्ट को खुद टिहरी पुलिस ने शेयर किया और खुद की किरकिरी करा ली। बता दें कि पुलिस को शिकायत की गई थी कि एक व्यापारी ने शराब के ठेके के ऊपर मंदिर बना रखा है जो की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। वहीं इस शिकायत पर पुलिस ने ऐसी कार्रवाई की कि अब प्रदेश की जनता जमकर पुलिस की कार्रवाई को कोस रही है और शराब के ठेके को हटाने की मांग कर रही है। लोगों को आक्रोश तेज हो गया है। दरअसल पुलिस ने शिकायत के बाद ठेके के आगे से सिर्फ शराब का बोर्ड हटाया। इसके अलावा कोई कार्रवाई नहीं की। आप देख सकते हैं कि तब और अब की तस्वीर में सिर्फ बोर्ड का अंतर है यानी की पुलिस को सिर्फ बोर्ड पर आपत्ति थी इसलिए सिर्फ बोर्ड को हटाया और फक्र से इसकी जानकारी जनता को दी।
पुलिस ने शेयर की पोस्ट
पुलिस ने बोर्ड हटाने के बाद अपनी फेसबुक वॉल में पोस्ट लिखी कि कृपया ध्यान दें। चम्बा में एक होटल व्यवसायी द्वारा अपने होटल की छत पर निजी मंदिर बनाया गया है, उक्त होटल में ही अंग्रेजी शराब की दुकान संचालित है। होटल की छत पर मंदिर के निकट शराब की दुकान से सम्बन्धी बोर्ड लगे होने की सूचना पर पुलिस द्वारा तत्काल कार्यवाही कर बोर्ड को हटवा दिया है। वहीं पुलिस की कार्रवाई से लोग कई सवाल कर रहे हैं कि क्या पुलिस की जेब को गर्म किया गया है? क्योंकि आस्था से जु़ड़ा मामला है जिसे पुलिस ने हल्के में लिया। मंदिर होने के बावजूद इस ठेके पर पुलिस कार्रावाई नहीं कर रही है।
लोगों ने निकाली भड़ास
वहीं लोगों की कार्रवाई पर लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर भड़सा निकाली। एक यूजर ने लिखा कि ऐसे होटल व्यवसाय का लाइसेंस तुरंत रद्द होना चाहिए… मंदिर भी वहीं बनाया हैं और शराब की दुकान भी वहीं खोली हैं ??? आस्था vs व्यापार का अद्भुत संगम
एक ने लिखा कि सिर्फ़ बोर्ड हटाने से क्या होगा जी ये तो वो ही बात हो गयी जैसे की किसान के खेत में चूहों ने बहुत आंतक मचाया हुआ था पूरी फसल ख़राब कर देते थे तो किसान ने अपना खेत ही बेच दिया की अब चूहे खेती को कोई नुक़सान नही पहुँचाएँगे
एक यूजर ने लिखा कि यहां से ठेका ही हटा देना चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय राजमार्ग पर है यहां पर लोगों का आना जाना बना रहता है ऐसी जगह पर शराब की दुकान नहीं होनी चाहिए
एक अन्य यूजर ने लिखा कि दुकान भी वहीं है और मंदिर भी वहीं है।तो फायदा क्या हुआ।किसी ने ए तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली और पुलिस ने बोर्ड हटाकर अपनी पीठ खुद ही थपथपा ली।क्या इससे पहले पुलिस ने उस बोर्ड को नहीं देखा होगा,?
उत्तराखंड पुलिस से गुजारिश है आप बोर्ड को नही, आप शराब की दुकान को ही क्योँ नही हटवा देते, उपर मंदिर और नीचे शराब की दुकान, आस्था और व्यापार का संगम… ऐसे होटल व्यवसाय वालो का लाइसेंस तुरंत रद्द होना चाहिए..
बोर्ड हटाने से क्या हुआ। सबको पता है मंदिर के नीचे ठेका है। दिखावा नहीं कार्रवाई कीजिए।