देहरादून। भाजपा समेत कांग्रेस बागियों को मनाने में जुटी है। कहीं भाजपा कामयाब हुई तो कहीं कांग्रेस बागियों को मनाने में कामयाब हुई। बात करें सहसपुर सीट की तो टिकट कटने से नाराज कई नेताओं ने बागी सुर अपनाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया। सहसपुर सीट से तीन नेताओं ने बगावत की और निर्दलीय होकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया जो की पार्टी के लिए नुकसान से कम नहीं था। इसलिए पार्टी जुट गई बागियों को मनाने में और कामयाब भी हुई।
बता दें कि सहसपुर सीट से तीन बागी अनीस, अकील और रमेश निर्दलीय ताल ठोक चुके थे और नामांकन भी कर चुके थे लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी आर्य़ेंद्र शर्मा पर हार का खतरा मंडरा रहा था क्योंकि कांग्रेस के वोट 4 हिस्सों में बंटने थे। ऐसे में कांग्रेस ने रुठों को मनाने की ठानी। अब सभी दावेदारों का कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन मिला है। तीन कांग्रेसियों ने अपने नामांकन वापस ले लिए है। एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सभी ने कांग्रेस की जीत का सकंल्प लिया।
इस सीट से आर्येंद्र के साथ ही लक्ष्मी अग्रवाल, गुलजार अहमद, राकेश नेगी, विनोद चौहान, अनीस अहमद, अकील अहमद औक रमेश आजाद ही कांग्रेसी टिकट के दावेदार थे। लेकिन कांग्रेस ने आर्येंद्र को अपना प्रत्याशी घोषित किया। इससे अन्य दावेदार नाराज हो गए और उन्होंने निर्दलीय ताल ठोकी जिससे कांग्रेस में हड़कंप मच गया। तीन नेता अनीस, अकील और रमेश ने तो बतौर निर्दलीय नामांकन भी कर दिया था। कांग्रेस प्रत्याशी आर्येंद्र और संजय किशोर की ओर से सभी से बात करके पार्टी के साथ मिलकर आगे बढ़ने की अपील की गई। ये अपील काम कर गई और आज सेलाकुई में कांग्रेस चुनाव कार्यालय पर हुई एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में सभी दावेदार एक मंच पर दिखे।
नामांकन दाखिल करने वालों ने नामांकन वापस लेने का एलान किया। सभी ने एकजुट होकर सहसपुर क्षेत्र को पिछले 15 सालों चल रहे भाजपा के कुशासन से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया।कांग्रेस प्रत्यासी आर्येंद्र ने कहा कि अब सभी साथी एक मंच पर आ गए हैं। इस सीट पर कांग्रेस की जीत तय हो चुकी है। सभी लोग मिलकर इस क्षेत्र के विकास की नई गाथा लिखेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में सभी साथियों की पूरा सम्मान बरकरार रखा जाएगा।