देहरादून : भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने की बात करती आई है लेकिन उत्तराखंड में त्रिवेंद्र रावत सरकार जब बनी तो तमाम ऐसे ड्रीम प्रोजेक्ट की घोषणा की गई जिसको लेकर सरकार के अधिकारियों ने काम शुरू किया तो इन प्रोजेक्ट से भ्रष्टाचार की बदबू आना शुरू हो गई तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्यधार झील निर्माण में वित्तीय गोलमाल और नियमों के उल्लंघन के मामले में सरकार ने कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
तू वहीं इस पूरे मामले को लेकर भाजपा पर हमला करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने कहा है कि बीजेपी में त्रिवेंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार करने की कोई भी कसर नहीं छोड़ी है भाजपा के जिस दिन से पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बने थे उसी दिन से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस प्रोजेक्ट को अपना पायलट प्रोजेक्ट बताया था. उन्होंने कहा है कि बीजेपी सरकार बताएं सूर्यधार झील में बजट से ज्यादा पैसा कैसे लगाया गया है। दसौनी ने कहा है कि कांग्रेस सरकार सत्ता में आएगी तो पूरे मामले की जांच की जाएगी और हर पहलुओं पर जांच कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें त्रिवेंद्र के ड्रीम प्रोजेक्ट सूर्य धार जिले में अनियमितताओं के चलते कई इंजीनियरों पर आरोप लगे हैं तो वहीं इस परियोजना में घपले के आरोपों को लेकर 11 इंजीनियरों को चार्जशीट मिल गई है. इस मामले में इंजीनियरों पर आरोप लगे हैं कि 58. 68 करोड़ की 7 परियोजनाओं में न तो नियमों का ही पालन किया गया और निर्माण की गुणवत्ता को भी ताक पर रख दिया गया जिसमें ट्रायल के दौरान ही बह गई. एक नहर का तो अधिकारियों ने हकीकत छिपाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी से ऑनलाइन लोकार्पण करवा दिया था. सिंचाई सचिव हरीश चंद्र सेमवाल के निर्देश पर इस मामले की जांच की गई थी. सूत्रों के अनुसार चार्जशीट पाने वाले इंजीनियरों में एक कुछ समय पहले रिटायर हो चुके हैं ।