देहरादून : मानसून सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने भू-कानून का मुद्दा उठाया और प्राइवेट बिल लाए लेकिन ये बिल सदन में पास नहीं हो पाया। मनोज रावत ने सरकार पर जमीनों की खरीद फरोख्त के लिए भू कानून में कई संशोधन करने का आऱोप लगाया। मनोज रावत ने कहा कि 30 साल की लीज पर पट्टे और जमीनों के रास्ते खोल दिए गए। 2018 में भू कानून में संशोधन कर हरिद्वार से लेकर चमोली तक कई संस्थानों को जमीने बेच दी गई।
विधायक ने नहीं किया नाम का खुलासा
मनोज रावत ने विधायक ने नाम का खुलासा न करते हुए डॉक्यूमेंट के साथ कहा कि इसके बाद एक संस्थान को 2453 बीघा जमीन खरीदने की इजाजत दे दी गई।मनोज रावत ने कहा कि कृषि भूमि को क्रय करना गलत है। यमकेश्वर में एक गांव पूरा बिक गया है। मनोज रावत ने कहा कि त्रिजुगीनारायण में एक आधा गांव बिक गया है।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने दिया कांग्रेस विधायक के सवाल का जवाब
मनोज रावत के द्वारा भू कानून पर सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जवाब देते हुए कहा कि यदि कोई किसी प्रयोजन के जमीन खरीदता है और 2 साल में उसे प्रयोग नही करता है तो वह भूमि सरकार के नाम हो जाती है. नरेंद्र नगर में एक जमीन को सरकार के नाम कर भी लिया गया है. कहा कि औद्योगिक विकास के लिए भू कानून में बदलाव करने पड़ते हैं. सुबोध उनियाल ने कहा कि भू कानून को लेकर सरकार गम्भीर है। जिला अधिकारियों से भू कानून के कुछ प्रवधानों पर संशोधन के लिए सुझाव मांगे गए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक मनोज रावत के द्वारा लाए गए प्राइवेट बिल पर वोटिंग की. वोटिंग में प्राइवेट बिल पास न होने पर सदन में भू कानून बिल पास नहीं हो पाया .