लोकसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने नागरिकता अधिनियम 2024 की अधिसूचना जारी कर दी है। यानी पूरे देश में अब CAA लागू हो गया है। इस कानून के लागू होने से तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थी ( हिंदू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) अब भारतीय नागरिक बन सकेंगे। इसके लिए इन लोगों को सरकारी गाइडलाइन का पालन करना होगा और नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। हालांकि कुछ जरुरी शर्ते भी रहेंगी। जैसे सीएए नियमों के तहत आवेदन करने से पहले भारत में एक साल तक लगातार रहना अनिवार्य है।
2019 में संसद में पारित हुआ CAA
बता दें कि सीएए दिसंबर 2019 में संसद में पारित हो गया था। चार साल से ज्यादा समय बाद इसके नियमों को अधिसूचित किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएए के ळिए फॉर्म जारी कर दिया है। इसमें सभी जरुरी दस्तावेजों और नियमों की जानकारी दी गई है। उधर, पश्चिम बंगाल, केरल, मेद्यालय, त्रिपुरा और असम में सीएए को लेकर विरोध शुरु हो गया है।
किन लोगों को मिलेगी नागरिकता?
ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आकर बस गए हैं। आवेदकों को वो साल बताना होगा। जब उन्होनें यात्रा दस्तावेज के बिना भारत में प्रवेश किया था। भारत में आने का दिन, भारत में आने के लिए वीजा या इमिग्रेशन स्टैंप समेत अन्य जानकारियां देनी होंगी।
कैसे काम करेगा CAA?
सारी प्रक्रिया ऑनलाइन है। ऑनलाइन आवेदन करने होंगे। सबसे पहले आवेदन जिला कमेटी के पास जाएगा, फिर वो एंपावर्ड कमेटी को भेजेगी। अधिकार प्राप्त कमेटी नागरिकता पर फैसला लेगी। इसके प्रमुख डायरेक्टर होंगे। 7 अन्य सदस्य भी होंगे। इसमें आईबी, फॉरेन, रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस, पोस्ट ऑफिस और राज्य सूचना अधिकारी शामिल होंगे।
CAA में नागरिकता के लिए क्या है जरूरी दस्तावेज?
भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म में शेड्यूल- 1A के तहत 9 तरह के दस्तावेज मांगे गए है। जबकि शेड्यूल-1B के तहत 20 तरह के दस्तावेज और शेड्यूल-1C के तहत शपथ पत्र यानी एफिडेविट देना होगा। सबसे पहले यह बताना होगा कि वे इन तीनों देशों के गैर मुस्लिम शरणार्थी है। यानी वहां के निवासी हैं। इसके लिए वहां के पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड, जमीनी दस्तावेज, बिजली और पानी बिल, विवाह प्रमाण पत्र आदि दिखाकर भी नागरिकता के लिए आवेदन किया जा सकता है।
अगर दस्तावेज नहीं है तो क्या करें?
फॉर्म भरने के लिए दस्तावेज होना जरूरी नहीं किया गया है। यदि किसी के पास कोई दस्तावेज नहीं है तो उसका कारण बता सकता है। अगर कोई डॉक्यूमेंट्स है तो जानकारी देनी होगी। इसके अलावा अगर किसी राज्य में बसे हुए हैं या बसना चाहते हैं तो वहां के नियमों के हिसाब से मूल निवासी का प्रमाण पत्र हासिल कर सकते हैं।
फॉर्म में क्या-क्या भरना होगा?
ऑनलाइन फॉर्म में आपको अपने माता-पिता या पति का नाम, भारत में कब से रह रहे हैं और कहां, कौन से देश से आए हैं। वहां कहां रह रहे थे। भारत में आने के बाद क्या काम कर रहे हैं। किस धर्म से संबंध रखते हैं।
शादीशुदा और गैर शादीशुदा के लिए अलग फॉर्म है?
वेब पोर्टल पर इसके लिए अलग से फॉर्म है। यदि भारत आने के बाद किसी भारतीय से शादी की है तो उसके बारे में भी जानकारी देनी होगी। बच्चों के लिए भी अलग से फॉर्म दिया गया है।
आपराधिक रिकॉर्ड होने की स्थिति में क्या होगा?
अगर कोई आपराधिक रिकॉर्ड है तो इसकी भी जानकारी देनी होगी। अगर सरकार को लगेगा कि ऐसे किसी शख्श को नागरिकता देने से खतरा हो सकता है तो उसका फॉर्म कैंसिल किया जा सकता है।
क्या किसी की नागरिकता छिन सकती है?
किसी की भी नागरिकता छीनने का प्रावधान नहीं है। यानी किसी भी नागरिकता पर कोई संकट नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक बयान में कहा था कि सीएए किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है। CAA के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम छह समुदायों को नागरिकता देने का प्रावधान किया है।
नागरिकता का सर्टिफिकेट कैसे मिलेगा?
फॉर्म में सारी जानकारी देने के बाद सत्यता की पुष्टि करनी होगी और हस्ताक्षर करने होंगे। कोई झूठ या धोखाधड़ी की स्थिति में फॉर्म कैंसिल किया जा सकता है। सरकार के सत्यापन और संतुष्टि के बाद डिजिटल जारी किया जाएगा। आवेदक अगर हार्ड कॉपी चाहेगा तो वो भी उपलब्ध कराई जाएगी। प्रमाणपत्र डिजिटल रुप से हस्ताक्षरित होगा या अधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित होगा। देशीयकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त करने वाले लोगों को समिति द्वारा देशीयकरण का एक डिजिटल प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
नागरिकता के लिए क्या शर्तें है?
- आवेदन की तारीख से पहले देश में कम से कम 12 महीने तक रहना अनिवार्य है, तभी आवेदन करने के लिअ पात्र होंगे। इन 12 महीनों से ठीक पहले के आठ वर्षों के दौरान भी आवेदकों द्वारा देश में कम से कम छह साल बिताया गया हो, तभी उन्हें भारत की नागरिकता प्राप्त करने के लिए पात्र माना जाएगा।
- आवेदकों को यह घोषणा पत्र भी देना होगा कि वे मौजूदा नागरिकता को अपरिवर्तनीय रुप से त्याग रहे हैं और वे भारत को स्थायी घर बनाना चाहते हैं।
- आवेदक को एक घोषणा पत्र भी प्रस्तुत करना होगा कि उसे संविधान की आठवीं अनुसूची में निर्दिष्ट भाषाओं में से एक का पर्याप्त ज्ञान है।
- सभी स्वीकृत आवेदकों को निष्ठा की शपथ लेनी होगी कि भारत के एक नागरिक के रुप में कानून द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेंगे और वे ईमानदारी से भारत के कानूनों का पालन करेंगे और अपने कर्त्वयों को पूरा करेंगे।