उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत राज्य की डबल इंजन सरकार को नए सिरे से दौड़ाने की तैयारी में लगे हैं। मार्च से ठहरे डबल इंजन सरकार को फिर से पटरी पर दौड़ाने के लिए सीएम तीरथ सिंह रावत अब दिल्ली की दौड़ लगा रहें हैं। उन्हे पता है कि इस इंजन में दिल्ली वाला ईंधन ही अधिक प्रभावी होने वाला है।
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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मार्च में कुर्सी संभालने के बाद केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात के लिए दो बार दिल्ली की दौड़ लगा चुके हैं। हालिया दौरे में उन्होंने डबल इंजन की चाभी अपने पास रखे हुए पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की है। खबरें हैं कि ये मुलाकात खासी दोस्ताना रही है। ये दावा इसलिए भी मजबूत लगता है क्योंकि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसके बाद कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है और उत्तराखंड के लिए कई बड़ी सौगातों का पिटारा अपने सिर पर रख लौटने की तैयारी की है। केंद्र ने कई बड़ी योजनाओं को लेकर राज्य सरकार से सहमति जताई है। खास बात ये है कि दिल्ली दौरे पर सीएम तीरथ सिंह रावत अफसरों का पूरा कुनबा साथ ले गए हैं। जाहिर है कि होमवर्क पूरा किया गया है।
हो रही है बड़ी तैयारी
दिल्ली दौरे पर सीएम तीरथ सिंह रावत जिन योजनाओं पर केंद्र की मुहर लगवा रहें हैं उनमें से अधिकतर ऐसी योजनाएं हैं जो इतिहास में दर्ज होंगी। मसलन सीएम तीरथ सिंह रावत ने डोईवाला से गंगोत्री यमुनोत्री जाने वाले रेल ट्रैक के सर्वे को जल्द पूरा करवाने की सहमति ले ली। जाहिर है कि इससे सर्वे के काम में तेजी आएगी। इसके साथ ही ईको ट्रेन, कन्वेंशन सेंटर की सौगात ले आए हैं।
सीएम हरिद्वार में हैलीपैड बनाने के लिए बीएचईएल में तीन से चार एकड़ की भूमि 20 वर्ष के लिए निशुल्क उपलब्ध कराए जाने पर भी सहमति ले आए। पहाड़ों में भेड़ पालन की दिशा में उत्तराखंड बड़ी पहल कर रहा है। त्रिवेंद्र के दौर में शुरु हुई मेरिनो भेड़ पालन योजना के लिए तीरथ भी केंद्र से मदद का आश्वासन ले आए हैं। तकरीबन 500 मेरिनो भेड़ और खरीदने की योजना है। केंद्र इस खरीद में मदद के लिए तैयार है।
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अगर ऐसा हुआ तो उत्तराखंड अगले कुछ वर्षों में ऊन उत्पादन में खासा आगे होगा और देश में ऊन की प्रतिपूर्ति में बड़ा योगदान देगा। आईडीपीएल ऋषिकेश में 600 एकङ में बायोडायवर्सिटी पार्क, इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, रिजार्ट, होटल, वैलनेस सेंटर बनाए जाने की तैयारी है। केंद्र ने इसके लिए आईडीपीएल की भूमि के इस्तमाल की अनुमति दे दी है।
चुनाव भी है फोकस
सीएम तीरथ सिंह रावत को दिल्ली के दौरे के बाद चुनावी मैदान में भी उतरना है। पहले उन्हें खुद के लिए तैयारी करनी है तो वहीं इसके बाद पार्टी की विधानसभा चुनावों में अगुवाई करनी है। जाहिर है कि ये काम आसान नहीं होगा। फिर सीएम तीरथ सिंह रावत के सामने दोहरी चुनौतियां आने वाली हैं। विधायक पद पर निर्वाचित होने के बाद ही उन्हे सांसद के पद से इस्तीफा देना होगा। ऐसे में राज्य में विधानसभा चुनावों के दौरान ही पौड़ी लोकसभा सीट पर सांसद के लिए उपचुनाव हो सकता है। यहां भी बीजेपी के लिए मजबूत जमीन तैयार करने की जिम्मेदारी तीरथ सिंह रावत को ही उठानी होगी।