नैनीताल के 6 विधानसभा क्षेत्र में से अभी मात्र चार सीट ही भाजपा द्वारा प्रत्याशी तय किये गये। उसमें भी दो विधानसभा चुनाव में विरोध दिखाई दे रहा है।यहाँ बता दें कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट वितरण कोलेकर यहाँ जो उम्मीदवार मेहनत कर रहे थे कई वर्षों से उनकी उम्मीदों में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पानी फेर दिया।
नैनीताल विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई नाराज़ नेताओं ने मोर्चा खोल दिया ।यहाँ तक मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी दिनेश आर्या ने तो नामांकन पत्र भी ले लिया है।उनका साफ कहना है वह नाराज़ भाजपा पार्टी के लोगों से मिलकर रणनीति तैयार करेंगे। उन्होंने कहा जो कई वर्षों से टिकट की आस लगाये हैं उसको दर किनारे कर दल बदलू लोगों को टिकट दिया गया।
वहीं दूसरी विधानसभा भीमताल की बात करें तो पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष मनोज साह ने समर्थकों के साथ भाजपा से इस्तीफा भी दे डाला है। मनोज साह का भी यही कहना है कि निर्दलीय प्रत्याशी राम सिंह कैड़ा जिसने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की उसको शीर्ष नेताओं ने टिकट दे दिया जो की बहुत गलत किया। लगभग मनोज साह समेत 300 लोगों ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
भाजपा से टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष व नैनीताल के भाजपा जिलाध्यक्ष रह चुके मनोज साह समेत 300 कार्यकर्ताओं ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है।सभी ने अपने-अपने इस्तीफे प्रदेश अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष को भेजे हैं।
वहीं पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष मनोज साह ने कार्यकर्ताओं की राय के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।साह ने अपने 300 से अधिक समर्थकों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की।साह ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा से ऐसे उम्मीदवार को टिकट दिया है जो कुछ माह पूर्व ही भाजपा में शामिल हुआ है।वैसे तो उत्तराखंड के कोने कोने से विरोध के स्वर गुज रहे हैं।कुल मिलाकर दोनों विधानसभा क्षेत्र में अब देखना होगा भाजपा के शीर्ष नेता किस तरह इन लोगों को अपने पक्ष में करते हैं।