सीएम पुष्कर सिंह धामी की कल तस्वीरें आईं। वो कबड्डी खेलते हुए दिखे। अब सूबे का मुखिया कबड्डी खेले तो कौन कमबख्त उसे आउट करना चाहेगा। हालांकि लगता है कि कुछ लोग चाहते हैं। वैसे कल कबड्डी में नॉट आउट रहे धामी ने आज कुश्ती में जो दांव लगाया उसमें उनके दो पूर्ववर्ती चारो खानों चित्त हो गए हैं।
- Advertisement -
साधा निशाना, आया बुलावा
गोल गोल नहीं अब सीधे तौर पर समझिए। सीएम धामी ठीकठाक काम कर रहें हैं। सरकार चल रही है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के ही नेता धामी सरकार पर इधर उधर से तीर चलाने में लग गए। उधर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्मार्ट सिटी परियोजना के कामकाज पर सवाल उठाने शुरु किए तो दूसरी तरफ तीरथ सिंह रावत ने राज्य में कमीशनखोरी का मुद्दा उछाल दिया। जाहिर है कि इन दोनों ही मसलों के उछलने से न सिर्फ सरकार पर निशाना साधने का विपक्ष को मौका मिला बल्कि बीजेपी के लिए भी असहज होने वाली स्थिती पैदा हो गई।
बात पहुंच गई ऊपर तक
खबरें छपीं तो आलाकमान तक बात पहुंच गई। आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली तलब कर लिया। बताया जा रहा है कि त्रिवेंद्र की पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई है। जेपी नड्डा ने त्रिवेंद्र को ऐसे बयानों से दूरी बनाने के लिए भी कहा है। वहीं तीरथ को भी आलाकमान ने कम औऱ संतुलित बोलने की हिदायत दी है। खबरें हैं कि दोनों नेताओं से आलाकमान भी खुश नहीं है।
फिलहाल उत्तराखंड में धामी धामी हो रहा है। न चाहते हुए भी धामी के खिलाफ लॉबिंग की कोशिशें सफल नहीं हो पा रहीं हैं। वहीं धामी के कुछ ऐसे फैसले हैं जिनसे उनको पिछले कुछ महीनों में काफी चर्चा मिली। फिर अभी यूनिफार्म सिविल कोड और धर्मांतरण कानून में बदलाव है ही। इसके साथ ही भू कानून को लेकर भी सरकार के होमवर्क शुरु करने की खबरें मिल रहीं हैं।