बॉम्बे हाई कोर्ट से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पड़ोसी महिला के घऱ आधी रात को नींबू मांगने जाने पर CISF के एक जवान ने कोर्ट में जुर्माने को रद्द करने के लिए याचिका दायर की है। हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी जवान की इस हरकत को बेतुका बताते हुए उसे कोई भी राहत देने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने CISF जवान को जमकर फटकार भी लगाई है। पीड़िता महिला का पति आरोपी का सहकर्मी है, जो पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान ड्यूटी पर था। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला।
क्या है आरोप?
दरअसल, भारत पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में तैनात 33 साल के अरविंद कुमार पर आरोप है कि 19 और 20 अप्रैल 2021 की रात उसने इपने क्वार्टर के पड़ोसी का दरवाजा खटखटाया। यहां केवल महिला और उसकी 6 साल की बेटी रहती थी। महिला ने बताया कि वह डर गई थी और उसने अरविंद से कहा कि उसका पति पश्चिम बंगाल में ड्यूटी पर है और इसलिए उसे परेशान न करे। इसके बाद अरविंद वहां से चला गया। अरविंद ने कहा कि वह अस्वस्थ महसूस कर रहा था और सिर्फ नींबू मांगने के लिए पड़ोसी के घर का दरवाजा खटखटाया था। इस घटना के बाद अरविंद का वेतन तीन सालों के लिए कम कर दिया गया और सजा के तौर पर उसके वेतन में वृद्धि भी नहीं की गई।
कोर्ट ने लगाई अरविंद को फटकार
वहीं अरविंद ने जुलाई 2021 और जून 2022 के बीच CISF अधिकारियों द्वारा उसपर लगाए जुर्माने के खिलाफ याचिका दी थी। हालांकि, बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि CISF जवान ने घटना से पहले शराब पी थी और उसे यह भी पता था कि महिला का पति घर पर मौजूद नहीं है और वो अपनी बेटी के साथ अकेली है। कोर्ट ने कहा कि आधी रात को महिला के घर का दरवाजा खटखटाना वो भी सिर्फ पेट खराब होने के कारण एक नींबू लेने के लिए, जो बिल्कुल बेतुका है। कोर्ट ने आरोपी जवान को किसी तरह की राहत देने इंकार कर दिया और कहा कि उसका आचरण CISF जैसे बल के एक अधिकारी के लिए अशोभनीय है।