चमोली ज़िले के तपोवन में आज छठवें दिन भी बचाव अभियान जारी है। राज्य सरकार के अनुसार अब तक 36 शव बरामद किए जा चुके हैं और लोग लापता थे। आपको बता दें कि 7 फरवरी को ग्लेशियर टूटने के बाद आई बाढ़ में कई लोगों की मौत हो गई तो बड़ी संख्या में लोग लापता हैं। डीएम ने बताया कि गुरुवार को दो लापता लोगों के शव अलकनंदा नदी किनारे से बरामद किए गए। आपदा में लापता लोगों में से अभी तक 36 लोगों के शव बरामद हुए है। 2 लोगों के जिन्दा मिले हैं।
बता दें कि इस डल प्रलय की चपेट में जौनसार बावर क्षेत्र के 9 लोग भी आए जो की आज भी लापता है। परिजन आज में थे कि उनके अपने जल्द लौट आएंगे लेकिन आज 6वें दिन उनकी आस टूटने लगी है। इसी के चलते ददोली गांव के रहने वाले अनिल पुत्र थेफा और अनिल पुत्र भगतू के परिजन ने अपने बेटों को मृत मान लिया औऱ उनका क्रियाकर्म तक कर दिया ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल सके। जी हां बता दें कि दोनों लापता युवकों के परिजनों ने गुरुवार को उनका क्रियाकर्म (चौथा) भी कर दिया। उनका रोरोकर बुरा हाल है। एक निवाला तक मूंह में परिवार वालों के नहीं गया है। उनको उम्मीद थी कि उनके बेटे लौट आएंगे लेकिन 6वें दिन उनकी उम्मीद टूट गई।
जानकारी मिली है कि यहां से 20-25 युवक रोजगार की तलाश में ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट पर गए थे। जिनमें से ज्यादातर युवा बूढ़ी दिवाली के दौरान घर लौट आए थे जबकि 9 लोग घर की परेशानी के कारण वहीं काम कर रहे थे। जो आपदा की चपेट में आ गए। लापता युवकों के परिजनों, बीवी बच्चों को उम्मीद हैं कि वो लौट आएंगे लेकिन जैसेजैसे दिन बीत रहे हैं परिवार वालों की उम्मीद भी टूट रही है।
अनील पुत्र थेफा की मां औऱ पिता का रो रोकर बुरा हाल है। अनिल की पत्नी आमो देवी ने खाने का निवाला भी मूंह में नहीं लिया। 3 बेटियों और 1 बेटे के पिता अनिल के घर में कोहराम मचा हुआ है। वहीं अनील पुत्र भगतू के यहां पर कोहराम मचा हुआ है। 30-40 मीटर मुहाने पर मलबे की मोटी जमी परत में उनके अपने जिंदा होंगे। परिजनों को अब ये उम्मीद नहीं है। दोनों के परिवार वालों ने बेटों का क्रियाकर्म कर दिया है ताकि, उनकी आत्मा को शांति मिल सके। इस पर उपजिलाधिकारी कालसी संगीता कन्नौजिया का कहना है कि अभी इसके प्रमाण नहीं मिले हैं कि दोनों मृत हैं। न तो शव मिला है।